बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से अंधेरे में डूबा चंडीगढ़, जन जीवन अस्त-व्यस्त

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हरियाणा और पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण पूरा शहर अंधेरे में डूब गया है। चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के दफ्तरों में दिनभर कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में तीन दिन तक हड़ताल का ऐलान किया हुआ है। उनका कहना है कि सरकार ने अगर कोई समाधान नहीं किया तो अगले दो दिन चंडीगढ़ में यही स्थिति रहेगी। वहीं बुधवार को सुबह 44 A पॉकेट के कुछ घरों में 33 घंटे बाद बिजली आई।

इधर दिनभर बिजली की किल्लत झेल रहे लोगों के घर अंधेरे में डूबे रहे तो वहीं अधिकारियों के घर जगमगा रहे थे। बिजली गुल होने से 60 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने की बात कही जा रही है। चंडीगढ़ में हड़ताल रोकने के लिए एज्मा भी लगा दिया गया है लेकिन कर्मचारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। विवाद बढ़ता जा रहा है। कर्मचारियों ने बुधवार को भी हड़ताल पर रहने का ऐलान किया है।

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल क्यों?

केंद्र सरकार यहां बिजली का संचालन निजी हाथों में सौंपने जा रही है। जिसके विरोध में यूटी पावरमैन यूनियन सोमवार रात 11 बजे से अगले तीन दिन के लिए हड़ताल पर है। चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारियों ने सोमवार रात ही शहर की बिजली आपूर्ति बंद कर दी थी। मंगलवार सुबह जब लोग उठे तो बिजली नहीं थी। बिजली आपूर्ति के चलते आज सुबह चंडीगढ़ में पानी की सप्लाई भी नहीं हो सकी। कई सेक्टरों में लैंडलाइन फोन भी ठप हो गए।

दफ्तरों में की गई छुट्टी

बिजली कर्मचारी मंगलवार को पूरा दिन अलग-अलग सेक्टरों में दफ्तरों को ताला लगाकर हड़ताल पर बैठे रहे। शहर वासी जैसे-तैसे दफ्तरों में पहुंचे तो वहां भी बिजली गुल थी।

बिजली संकट के चलते सरकारी दफ्तरों में पब्लिक डीलिंग का काम नहीं हो सका। कई प्राइवेट दफ्तरों में पावर कट के चलते दोपहर बाद ही छुट्टी कर दी गई। बिजली कट का सबसे ज्यादा असर पंजाब-हरियाणा सिविल सचिवालय, हाई कोर्ट, यूटी सचिवालय, पुलिस मुख्यालय में देखने को मिला। यहां कभी लाइट नहीं जाती थी लेकिन मंगलवार को भी इन क्षेत्रों में बिजली कट रहा।

पीजीआई में अलर्ट, टाली गईं सर्जरी

बिजली कट को देखते हुए पीजीआई चंडीगढ़ को अलर्ट कर दिया गया है। पीजीआई प्रबंधन ने केवल आपात स्थिति के मरीजों के ऑपरेशन करने और वेंटिलेटर आदि शाखाओं को चालू रखने के निर्देश दिए हैं। बिजली के अभाव में शहर के औद्योगिक क्षेत्र में भी आज प्रोडक्शन नहीं हो सकी। ज्यादातर उद्योगों में छुट्टी कर दी गई।

हड़ताल पर रोक

यूटी प्रशासन ने पूर्वी पंजाब आवश्यक सेवा (रखरखाव) अधिनियम, 1968 की उप-धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत आवश्यक सेवा अधिनियम लागू किया है। इसके तहत कोई भी कर्मचारी छह महीने की अवधि में हड़ताल नहीं कर सकता है।

आगे क्या?

कोई बैक-अप योजना दृष्टि में नहीं होने से, यह और भी खराब हो सकता है। पुलिस ने यूनियन के कुछ नेताओं को हिरासत में लिया। उन्हें बुधवार तक कार्यभार ग्रहण करने को कहा गया अन्यथा कार्रवाई की जाएगी

हरियाणा और हिमाचल के बिजली कर्मचारी भी होंगे शामिल

इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा के मुताबिक, पंजाब के बिजली कर्मचारी और इंजीनियर मंगलवार को धरने में समर्थन देने के लिए पहुंच गए हैं। हरियाणा के बिजली कर्मचारी 23 फरवरी और हिमाचल के बिजली कर्मचारी 24 फरवरी से चंडीगढ़ में हड़ताली कर्मचारियों के प्रदर्शन में शामिल होंगे।

-एजेंसियां