ऐपल फोन हैकिंग आरोपों की जांच केंद्र सरकार ने शुरू कर दी है। महुआ मोइत्रा समेत कई विपक्षी नेताओं ने ऐपल कंपनी की तरफ से हैकिंग संदेश मिलने की बात कही थी। अब केंद्र सरकार ने इस मामले को लेकर ऐपल कंपनी को नोटिस भेजा है। सरकार ने ऐपल से पूछा है कि आप इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंचे कि हैकिंग का प्रयास सरकार की तरफ से था?
आईटी सचिव एस कृष्णन ने आज बताया कि ऐपल को नोटिस भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ऐपल जांच में सहयोग करेगा। ऐपल को भेजे गए नोटिस में सरकार ने यह भी पूछा कि आपका यह निष्कर्ष कि फोन को रिमोट से एक्सेस किया जाएगा, कैसे आया?
कृष्णन ने कहा कि CERT-In ने जांच शुरू कर दी है। ऐपल इस जांच में सहयोग करेंगे। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम या CERT-In ही वो नोडल एजेंसी है जो कंप्यूटर की सुरक्षा से जुड़े मामलों में कार्रवाई करती है।
फोन हैकिंग मामले पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्षी नेताओं के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा था कि ये गलत आरोप हैं। उन्होंने कहा कि ऐपल ने 150 देशों में ये नोटिस भेजा था। जिन विपक्षी नेताओं को ऐपल का संदेश मिला था उनमे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, शशि थरूर, पवन खेड़ा, के सी वेणुगोपाल, सुप्रिया श्रीनेत, टी एस सिंहदेव, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी शामिल हैं।
Compiled: up18 News
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