आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने अग्निपथ योजना को सराहा

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पुणे में कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग में एक सम्मेलन के दौरान आर्मी चीफ ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों का यूनिट्स और सब-यूनिट्स में शामिल करने का फैसला पूरी तरह से मेरिट के आधार पर होता है।

बीते साल शुरू हुई थी अग्निपथ योजना

बता दें कि बीते साल जून में केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को मंजूरी दी थी। अग्निपथ योजना के तहत सैनिकों की सेना में भर्ती चार साल के लिए होती है। चार साल की सेवा के बाद अग्निपथ योजना से सेना में भर्ती हुए अग्निवीरों को रिटायरमेंट पर करीब 12 लाख रुपये मिलेंगे, जिससे वह भविष्य कोई काम कर सकते हैं। अग्निपथ योजना का उद्देश्य युवा सैनिकों की सेना में भर्ती कर सेना की औसत उम्र को 4-5 साल घटाना है।

अग्निपथ योजना का ये भी उद्देश्य है कि जब अग्निवीर सेना में चार साल की सेवा पूरी करेंगे तो वह अपनी युवावस्था के चरम पर होंगे और ज्यादा बेहतर तरीके से अनुशासित होंगे। इससे वह समाज को बेहतर बनाने में योगदान दे सकेंगे। योजना के अनुसार, हर बैच में से 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेना में स्थायी कमीशन दिया जाएगा।

-Compiled by up18 News