भारत सरकार के सुचना एवं प्रसारण मंत्रलाय से जारी एक बयान के आधार पर जानकारी हासिल हुई है कि केंद्र सरकार ने धार्मिक घृणा फैलाने के मकसद से फर्जी खबरें प्रसारित करने पर 45 वीडियो व 10 यूट्यूब चैनल को प्रतिबंधित कर दिया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस तरह के वीडियो में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने और देश में सार्वजनिक व्यवस्था को पर चोट करने की बात कही गयी थी।
सरकार ने कहा कि उसने खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर वीडियो को ब्लॉक कर दिया है। ब्लॉक किए गए वीडियो को देखे जाने की कुल संख्या 1। 3 करोड़ से अधिक थी। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट किया कि सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 10 यूट्यूब चैनलों को देश के खिलाफ जहर उगलने वाले, भ्रामक खबरों के माध्यम से मित्र देशों के साथ सम्बंधों को ख़राब करने का प्रयास करने के लिए प्रतिबंध लगा कर उन्हें सस्पेंड कर दिया है। राष्ट्रहित में ये पहले भी किया है, आगे भी करेंगे।
सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 10 यूट्यूब चैनलों को देश के खिलाफ जहर उगलने वाले, भ्रामक खबरों के माध्यम से मित्र देशों के साथ सम्बंधों को ख़राब करने का प्रयास करने के लिए प्रतिबंध लगा कर उन्हें सस्पेंड कर दिया है।
राष्ट्रहित में ये पहले भी किया है, आगे भी करेंगे।
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— Anurag Thakur (मोदी का परिवार) (@ianuragthakur) September 26, 2022
सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि मंत्रालय द्वारा अवरुद्ध किए गए कुछ वीडियो का उपयोग अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र, कश्मीर, आदि से संबंधित मुद्दों पर दुष्प्रचार फैलाने के लिए किया जा रहा था। सामग्री को राष्ट्रीय दृष्टिकोण से गलत और संवेदनशील माना गया था।
सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि मंत्रालय द्वारा अवरुद्ध किए गए कुछ वीडियो का उपयोग अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र, कश्मीर, आदि से संबंधित मुद्दों पर दुष्प्रचार फैलाने के लिए किया जा रहा था। सामग्री को राष्ट्रीय दृष्टिकोण से गलत और संवेदनशील माना गया था।