केंद्रीय जांच ब्यूरो CBI ने गुरुवार को भुसावल में मध्य रेलवे के जोनल रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल सहित दो आरोपियों को कथित रिश्वत मामले में उनसे जुड़े स्थानों पर तलाशी के बाद गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सुरेश चंद्र जैन, प्रिंसिपल, (आईआरटीएस), जोनल रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (जेडआरटीआई), सेंट्रल रेलवे, भुसावल और योगेश ए देशमुख, कार्यालय अधीक्षक, जेडटीआरआई, भुसावल के रूप में हुई।
रेलवे के दो अधिकारियों को CBI ने किया गिरफ्तार
आरोपी द्वारा अनुचित लाभ की मांग करने की शिकायत पर सीबीआई ने प्रिंसिपल, (आईआरटीएस), जोनल रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (जेडआरटीआई), सेंट्रल रेलवे, भुसावल के खिलाफ मामला दर्ज किया। यह आरोप लगाया गया था कि शिकायतकर्ता को मई 2023 से मई 2025 की अवधि के लिए रेलवे को वाहन उपलब्ध कराने के लिए GeM के माध्यम से एक अनुबंध प्राप्त हुआ था। अनुबंध के तहत वाहनों में से एक को कथित तौर पर प्रिंसिपल, ZRTI, भुसावल के लिए तैनात किया गया था।
रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए दो अधिकारी
आगे यह भी आरोप लगाया गया कि ZRTI, भुसावल के प्रिंसिपल वाहन के मासिक बिलों को पारित करने के लिए अनुचित लाभ की मांग करते थे, लेकिन शिकायतकर्ता ने कथित तौर पर भुगतान नहीं किया था।
सीबीआई ने कहा, “ऐसे में आरोपियों ने लॉग बुक पर समय पर हस्ताक्षर नहीं किए।” CBI ने यह भी आरोप लगाया गया कि अनुबंध फरवरी 2024 में समाप्त कर दिया गया था, लेकिन फर्म का जनवरी 2024 से फरवरी 2024 तक की अवधि का बिल लंबित था क्योंकि आरोपी ने उक्त लॉग बुक पर हस्ताक्षर नहीं किए थे और लॉग पर हस्ताक्षर करने के लिए 5000 रुपये की मांग की थी। इसके अलावा, आरोपी ने कथित अनुचित लाभ की राशि बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी और अंत में 9000 रुपये पर समझौता किया।
CBI ने बिछाया पकड़ने के लिए जाल
सीबीआई ने जाल बिछाया और जाल कार्यवाही के दौरान आरोपी ने शिकायतकर्ता को कार्यालय अधीक्षक, जेडटीआरआई, भुसावल के रूप में कार्यरत अपने कर्मचारी को 9000 रुपये की रिश्वत राशि सौंपने का निर्देश दिया। कार्यालय अधीक्षक ने रिश्वत ली और उसे आरोपी प्रिंसिपल, जेडटीआरआई को सौंप दिया। अधिकारियों ने कहा, “दोनों को पकड़ लिया गया और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।” आरोपी व्यक्तियों के परिसरों पर तलाशी ली गई।
-एजेंसी
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