खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच खालिस्तानी विवाद और कनाडा द्वारा खालिस्तानियों को पनाह दिए जाने पर बोलते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लंदन में एक कार्यक्रम में कनिष्क बम विस्फोटों (कनिष्क विमान हादसा) का जिक्र किया और कहा कि निज्जर का ट्रैक रिकॉर्ड काफी खराब रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब पूछा गया कि क्या वह खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर को आतंकवादी मानते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘उसका पुराना ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, जो सोशल मीडिया पर मौजूद है और वह काफी भयावह है… और मैं इसका फैसला लोगों पर छोड़ता हूं.’
1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट को याद करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘हमने एक बहुत बड़ी घटना देखी, जहां एयर इंडिया के दो विमानों में बम रखे गए थे. सौभाग्य से बम फटने से पहले ही उनमें से एक विमान की लैंडिंग हो गई और दूसरा विमान आयरलैंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 327 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.’ बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अप्रत्यक्ष रूप से कनिष्क विमान हादसे का जिक्र किया, जिसमें 327 लोग मारे गए थे.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा में हम महसूस करते हैं कि कनाडाई राजनीति ने हिंसक और अतिवादी राजनीतिक विचारों को जगह दी है, जो हिंसक तरीकों सहित भारत से अलगाववाद की वकालत करते हैं और इन लोगों को कनाडा की राजनीति में जगह दी जाती है. उन्होंने कनाडा की राजनीति में इस तरह के विचारों को जगह देने पर गौर किया, जिसके कारण उच्चायोग सहित भारतीय राजनयिकों पर हमले हुए और वाणिज्य दूत जनरलों और अन्य राजनयिकों को धमकाया गया.
उन्होंने आगे कहा कि हमारे उच्चायोग पर हमले किए गए, उच्चायोग पर स्मोक बम फेंके गए. मेरे महावाणिज्य दूत और अन्य राजनयिकों को सार्वजनिक रूप से ऑन रिकॉर्ड धमकाया गया, मगर जो लोग जानते थे, उन्होंने कोई उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. यह एक ऐसा देश है, जहां इस तरह का पुराना इतिहास रहा है. उन्होंने आगे कहा कि कनाडा जैसे देश में, जो भारत और ब्रिटेन जितना ही लोकतांत्रिक है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उत्तरदायित्व की स्वतंत्रता कुछ जिम्मेदारी के साथ आती है. उस स्वतंत्रता का दुरुपयोग और दुरुपयोग को सहन करना उचित नहीं ठहराया जा सकता.
जानें क्या है कनिष्क विमान हादसा?
दरअसल, एयर इंडिया की फ्लाइट-182 ने 23 जून 1985 को कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर से उड़ान भरी थी. इस फ्लाइट को मॉन्ट्रियल से ब्रिटेन के लंदन, फिर भारत के दिल्ली होते हुए मुंबई पहुंचना था. बोइंग 747-237B का नाम सम्राट कनिष्क के नाम पर रखा गया था. इस विमान को आयरलैंड के हवाई क्षेत्र में 31,000 फीट की ऊंचाई पर बम से उड़ा दिया गया. हादसे के बाद विमान अटलांटिक महासागर में गिर गया. इस विमान हादसे में 327 लोगों की मौत हुई. मारे गए लोगों में 22 हवाई यात्री भारत में जन्मे थे, जबकि 280 लोग भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे. यह घटना आधुनिक कनाडा के इतिहास में सबसे बड़ी सामूहिक हत्या थी. माना जाता है कि कनाडा की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ था और कनाडा ने सही से जांच नहीं की.
Compiled: up18 News