कनाडा, उन 45 देशों की लिस्ट में भारत के साथ शामिल था जो वोटिंग से अनुपस्थित रहा था.
वहीं कनाडा ने पिछले हफ़्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट किया, जिसमें कब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र में इसराइली बस्तियों की निंदा की गई थी.
यानी कनाडा उन सात देशों में शामिल था, जिसने इसराइल के समर्थन में वोट किया. इस प्रस्ताव के समर्थन में 145 वोट पड़े था, ख़िलाफ़ में सात और 18 देश वोटिंग से बाहर रहे थे.
जिन्होंने इस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट किया, वे देश हैं- कनाडा, हंगरी, इसराइल, मार्शल आईलैंड्स, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेसिया, नाऊरु और अमेरिका.
एक तरफ़ कनाडा यूएन में खुलकर इसराइल के साथ खड़ा है और दूसरी तरफ़ वहाँ के प्रधानमंत्री ऐसा बयान दे रहे हैं कि इसराइल असहज दिख रहा है. कई लोगों का कहना है कि जस्टिन ट्रूडो इसराइल के मामले कन्फ़्यूज दिख रहे हैं.
मंगलवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि ग़ज़ा में महिलाओं, बच्चों और नवजातों की हत्या बंद होनी चाहिए.
उन्होंने इसराइल सरकार से ज़्यादा से ज़्यादा संयम बरतने की अपील की है.
ट्रूडो ने कहा कि पूरी दुनिया टीवी और सोशल मीडिया पर देख रही है. हम डॉक्टरों, परिवार के लोगों, जीवित बचे लोगों और उन बच्चों की वेदना सुन रहे हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया है.
सात अक्टूबर से शुरू हुए इसराइल-हमास युद्ध के बाद यह पहली बार है, जब कनाडा के प्रधानमंत्री ने इसराइल की इतनी तीखी आलोचना की है.
नेतन्याहू ने दिया जवाब
उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसराइली पीएम नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें हमास की बर्बरता को रोकने और उसे हराने में इसराइल का साथ देना चाहिए.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि होलोकास्ट के समय यहूदियों के साथ किए गए जनसंहार के बाद का यह सबसे भयानक जनसंहार है जो हमास कर रहा है.
नेतन्याहू ने कहा कि यह इसराइल नहीं है जो जानबूझकर नागरिकों को निशाना बना रहा है, बल्कि यह हमास है जो नागरिकों के सिर काट रहा है, उन्हें जला रहा है और जनसंहार कर रहा है.
उन्होंने लिखा, “इसराइल नागरिकों को नुक़सान से दूर रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, वहीं हमास उन्हें नुक़सान में रखने के लिए सब कुछ कर रहा है. इसराइल ने ग़ज़ा में नागरिकों को मानवीय कॉरिडोर और सुरक्षित क्षेत्र दिया है जबकि हमास उन्हें बंदूक की नोक पर सुरक्षित इलाक़ों में जाने से रोक रहा है.”
नेतन्याहू ने कहा कि इसराइल नहीं बल्कि हमास को युद्ध अपराधों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि वह नागरिकों के पीछे छिपकर नागरिकों को ही निशाना बना रहा है.
अल-शिफा को लेकर विवाद
कनाडा के पीएम की यह आलोचना ऐसे समय पर आई है, जब ग़ज़ा के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफा हमले के चपेट में है.
इसराइली सेना का कहना है कि अस्पताल पर हमला हमास की तरफ़ से किया था, वहीं हमास ने इन आरोपों से इंकार किया है.
इसराइल ने अस्पताल पर किसी भी तरह की बमबारी से इंकार किया है, वहीं ग़ज़ा में हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इसराइल ने उन्हें कहा है कि वे अस्पताल पर हमला करेंगे क्योंकि उनका मानना है कि हमास के लोग अस्पताल के नीचे बनी सुरंगों के अंदर छिपकर काम कर रहे हैं.
इसे लेकर अमेरिका के व्हाइट हाउस ने भी बयान जारी किया है. उसका कहना है कि वह ग़ज़ा में चल रहे इसराइली सैन्य अभियान के बारे में तो कोई विशेष बात नहीं करेगा लेकिन अमेरिका किसी अस्पताल पर हवाई हमला करने का समर्थन नहीं करता है.
ट्रूडो से सवाल
अमेरिकी मैगजीन द अटलांटिक में वरिष्ठ संपादक डेविड जेफरी फ्रम का कहना है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसराइल को जो फटकार लगाई है, उसका इस क्षेत्र पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि ट्रूडो तो यह पता होना चाहिए कि उनका यह बयान उन लोगों की मदद करेगा जो यहूदियों का उत्पीड़न करते हैं.
जेफरी ने कहा कि वे चुनावों में अपनी गिरावट को कम करने के लिए यहूदियों की सुरक्षा को ख़तरे में डाल रहे हैं.
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.