कानपुर में शुक्रवार को भड़की हिंसा मामले पर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने निष्पक्ष और उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है.
मायावती ने ट्वीट किया, “राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जी के यूपी दौरे के दौरान ही कानपुर में दंगा व हिंसा भड़कना अति-दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण व चिन्ताजनक तथा पुलिस खुफिया तंत्र की भी विफलता का द्योतक है. सरकार को समझना होगा कि शान्ति व्यवस्था के अभाव में प्रदेश में निवेश व यहाँ का विकास कैसे संभव है?”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा- “सरकार इस घटना की धर्म, जाति व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्वतंत्र व निष्पक्ष उच्च-स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटना आगे न हो. साथ ही लोगों से शान्ति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तेजक भाषणों आदि से बचने की भी अपील करती हूं.”
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा था- ”महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए भी पुलिस और ख़ुफ़िया-तंत्र की विफलता से भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान से, कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए भाजपा नेता को गिरफ़्तार किया जाए. हमारी सभी से शांति बनाए रखने की अपील है.”
कानपुर के बेकनगंज इलाके में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प में अब तक 18 लोगों की गिरफ़्तारी हुई है और तीन एफ़आईआर दर्ज की गई हैं.
प्रशासन का कहना है कि इस मामले में गिरफ़्तार किए गए लोगों पर गैंगस्टर और एनएसए एक्ट के तहत कार्रवाई होगी.
-एजेंसियां
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