तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए बयान के बाद से देश की राजनीति गर्म है। उदयानिधि के बयान पर विपक्ष ही बंट गया है। इस मामले पर कांग्रेस के नेता अलग-अलग बयान दे रहे हैं। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने विपक्षी गठबंधन को ‘हिंदू भावनाओं से न खेलने’ की चेतावनी दी है।
भाजपा के शीर्ष नेताओं ने उदयानिधि से अपने बयान के लिए माफी मांगने को कहा है। हालांकि उदयानिधि पहले ही कह चुके हैं कि वह अपने बयान पर कायम हैं। बीजेपी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भी इस मसले पर चुप्पी पर सवाल उठाया है। भाजपा ने पूछा कि राहुल गांधी सनातन धर्म पर दिए विवादित बयान पर चुप क्यों हैं?
केंद्रीय मंत्रियों ने दी विपक्ष को चेतावनी
केंद्रीय मंत्रियों जैसे राजनाथ सिंह, अर्जुन राम मेघवाल, प्रहलाद पटेल, धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर ने विपक्षी गठबंधन को ‘हिंदू भावनाओं से न खेलने’ की चेतावनी दी है। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘INDIA ब्लॉक के सदस्यों को सनातन धर्म के अपमान के लिए माफी मांगनी चाहिए नहीं तो देश उन्हें माफ नहीं करेगा।’ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि घमंडी गठबंधन के नेता एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं ताकि भारतीय सभ्यता, उसके मूल विश्वास और हिंदू धर्म का दुरुपयोग किया जा सके।
बीजेपी का सवाल पर राहुल गांधी चुप क्यों?
उदयानिधि के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने राहुल से भी सवाल पूछा है। पूर्व कानून मंत्री और बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और मल्लिकार्जुन खरगे इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? क्या आप वोट के लिए हिंदुओं की भावनाओं से खेल रहे हैं?
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल की मोहब्बत की दुकान पर हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग मोहब्बत की दुकान चलाने का दावा कर रहे हैं, वो असल में नफरत का गोदाम चला रहे हैं।
प्रधान ने कहा कि मुंबई में नेतृत्व के मुद्दे को सुलझाने में विफल रहे और इसलिए, ध्यान हटाने के लिए एक समुदाय के सदस्यों को अपमानित करने और समाज को विभाजित करने और वोट हासिल करने के लिए एक विवाद पैदा करने का फैसला किया है।
कांग्रेस के अंदर ही बयान को लेकर एकमत नहीं
कांग्रेस के प्रियंक खड़गे ने उदयनिधि स्टालिन का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता वह धर्म नहीं है और ‘बीमारी के समान’ है। हालांकि, कमलनाथ और करन सिंह ने स्टालिन की टिप्पणियों को खारिज कर दिया।
सिंह ने कहा, ‘उदयनिधि की बेतुकी टिप्पणी…सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इसका पुरजोर विरोध करता हूं ।’ के सी वेणुगोपाल ने कहा, ‘हमारी राय स्पष्ट है कि हम सर्व धर्म समभाव भारत का समर्थन करते हैं। यही कांग्रेस का विचार है।’ उन्होंने कहा कि हर पार्टी को अपनी राय देने की स्वतंत्रता है। हम सभी के विश्वासों का सम्मान करते हैं। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भी इस बयान से खुदको अलग कर लिया।
Compiled: up18 News
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