चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में साफ किया है कि डीएलएफ लैंड डील में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं थी। गुरुग्राम पुलिस ने राबर्ट वाड्रा, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ ही अन्य लोगों के खिलाफ जमीन के सौदे में केस दर्ज किया था। जिसके पांच साल बाद हरियाणा सरकार ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के जरिए डीएलएफ को जमीन हस्तांतरण में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है। बीजेपी ने साल 2014 के चुनावों में रॉबर्ट वाड्रा की डीएलएफ जमीन के सौदे को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। जिसको लेकर बीजेपी कांग्रेस के बीच जमकर बयानबाजी हुई थी।
हरियाणा सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा, मानेसर तहसीलदार की ओर से यह बताया गया था कि मैसर्स स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 18 सितंबर, 2019 को मेसर्स डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को 3.5 एकड़ जमीन बेची थी। इस लेनदेन में किसी भी तरह नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है।
तहसीलदार, वजीराबाद, गुरुग्राम से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, यह कहा गया है कि विचाराधीन भूमि मैसर्स डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड के नाम पर नहीं मिली है। इसके साथ ही जमीन अभी भी एचएसवीपी/एचएसआईआईडीसी, हरियाणा के नाम पर मौजूद है। इसमें कहा गया कि आगे की जांच के लिए एक नई विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। 22 मार्च को गठित एसआईटी में एक पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), दो सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी), एक निरीक्षक और एक एएसआई शामिल हैं।
बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में भूमि सौदे में कथित भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था। गुरुग्राम पुलिस के महानिरीक्षक राज श्री सिंह ने हलफनामे में कहा है कि अब तक हरियाणा में सांसदों और विधायकों के खिलाफ आठ मामले दर्ज किए गए हैं और उनकी जांच की जा रही है। 1 सितंबर, साल 2018 को गुरुग्राम पुलिस ने रॉबर्ट वाड्रा हुड्डा समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
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