कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अगले साल से उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाली है. इसको लेकर कांग्रेस ने कथित तौर पर प्रदेश की सभी विपक्षी पार्टियों को यात्रा में शामिल होने का न्योता भेजा था लेकिन इसको अखिलेश यादव, जयंत चौधरी और मायावती ने स्वीकार नहीं किया. इसको लेकर अखिलेश यादव ने खुलकर बयान दिया है और कहा है कि बीजेपी और कांग्रेस एक जैसे हैं और हमारी पार्टी के सिद्धांत अलग हैं.
पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या आपको इस यात्रा में शामिल होने का न्योता भेजा गया है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर आपके फोन में वो न्योता है, तो मुझे भी भेज देना. उन्होंने आगे कहा कि हमारी भावनाएं उनकी यात्रा के साथ हैं लेकिन हमें कोई न्योता नहीं भेजा गया है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का ये बयान इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा था कि पार्टी की तरफ से यूपी के विपक्षी नेता को न्योता भेजा गया है.
अखिलेश अकेले नहीं, इन नेताओं ने भी बनाई दूरी
वैसे, अखिलेश यादव इस मामले में अकेले नहीं हैं. आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने भी कार्यक्रम की व्यस्तता का हवाला देते हुए भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने से तकरीबन मना ही कर दिया है. वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती के इस यात्रा में शामिल होने की संभावना शून्य ही कही जा सकती है. भाजपा नेता दिनेश शर्मा के भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने की उम्मीद नहीं है.
कांग्रेस का साथ, अखिलेश को नहीं आया रास
साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव ने कांग्रेस के गठबंधन में चुनाव लड़ा था लेकिन इसका कुछ खास फायदा इन लोगों को नहीं मिला और बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था. सपा-कांग्रेस के इस गठबंधन को महज 54 सीटों के साथ संतोष करना पड़ा था. इसमें कांग्रेस का हाल तो सबसे खराब था. पार्टी को केवल सात विधानसभा सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी. इसके कुछ ही समय बाद ये गठबंधन टूट गया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बसपा सुप्रीमो मायावती से गठबंधन किया था, लेकिन ये भी फेल ही रहा था.
Compiled: up18 News