‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ में आगरा मंडल की बड़ी उपलब्धि: अप्रैल–नवंबर 2025 के बीच 104 बच्चों को सुरक्षित बचाया

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आगरा। भारतीय रेलवे के विशाल नेटवर्क में खोए, भटके, लापता, अपहृत और बेघर बच्चों को नई जिंदगी देने वाले ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के तहत आगरा मंडल आरपीएफ ने एक बार फिर उदाहरण पेश किया है। अप्रैल से नवंबर 2025 तक संचालित इस अभियान में आरपीएफ की टीम ने 104 बच्चों को सुरक्षित बचाकर न सिर्फ उनकी जान की रक्षा की, बल्कि समाज में यह संदेश भी दिया कि हर मासूम का जीवन कीमती है।

मंडल रेल प्रबंधक गगन गोयल के निर्देशन और वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त पी. राजमोहन के मार्गदर्शन में आगरा मंडल की रेलवे सुरक्षा बल ने वर्ष 2025 में बच्चों की सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। यह अभियान रेलवे परिसरों में भटकते, मानसिक रूप से परेशान, लापता, अपहृत या बेघर बच्चों को सही हाथों तक पहुंचाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।

104 बच्चे सुरक्षित, हर एक के पीछे दर्द और उम्मीद की अलग कहानी

अप्रैल से नवंबर 2025 के बीच आरपीएफ ने 53 लड़कों और 51 लड़कियों सहित कुल 104 बच्चों को बचाया। कई बच्चे घर से भागे हुए मिले, कुछ अपहरण या गुमशुदगी के मामले थे, जबकि कई मानसिक रूप से परेशान या पूरी तरह बेघर थे। आरपीएफ टीम ने हर मामले में सतर्कता और संवेदनशीलता दिखाते हुए बच्चों को सुरक्षित आश्रय, बाल कल्याण समिति या उनके परिजनों तक पहुँचाया।

‘नन्हे फरिश्ते’—सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बच्चों के लिए जीवन रेखा

इस अभियान का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रेलवे स्टेशन या ट्रेनों में कोई भी बच्चा अकेला, असहाय या जोखिम में न रहे। आरपीएफ का यह प्रयास मासूमों को खतरों से बचाकर उन्हें एक सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

जागरूकता बढ़ाने में भी आगरा मंडल आगे

ऑपरेशन के दौरान टीम ने यात्रियों को भी जागरूक किया कि किसी बच्चे को अकेला, डरा हुआ या असामान्य परिस्थिति में देखें तो तुरंत सूचना दें।

ट्रैक चाइल्ड पोर्टल पर बच्चों की जानकारी नियमित रूप से अपलोड की जाती है, जिससे पहचान और पुनर्वास की प्रक्रिया तेज होती है।

चुनौतियों के बीच निरंतर प्रयास

रेलवे स्टेशन का विशाल क्षेत्र, भीड़भाड़ और लगातार यात्रियों की आवाजाही के बीच किसी बच्चे को ढूंढना आसान नहीं होता। इसके बावजूद आगरा मंडल आरपीएफ निरंतर प्रयास करते हुए अपने मिशन को आगे बढ़ा रहा है और बच्चों के लिए रेलवे को सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।

आगरा मंडल आरपीएफ की यह उपलब्धि फिर साबित करती है कि संवेदनशीलता और तत्परता के साथ किया गया प्रयास कई मासूमों का भविष्य बदल सकता है।