अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर पर पक्षपाती होने का आरोप लगा है। क्योंकि वह अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कुछ ज्यादा ही मुखर थे लेकिन पाकिस्तान में हुई गिरफ्तारियों पर चुप रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक पत्रकार ने इस पर सवाल किया। जिसपर मिलर ने कहा, ‘मैं इस बात से सहमत नहीं हूं। हमने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि हम चाहते हैं कि पाकिस्तान में हर किसी के साथ कानून के शासन के अनुरूप व्यवहार किया जाए। मानवाधिकारों का सम्मान किया जाए, जैसा कि किसी भी देश के संबंध में हमारी दुनिया में स्थिति है।’
इमरान पर क्या बोला था अमेरिका
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मिलर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिका केजरीवाल की गिरफ्तारी की निगरानी कर रहा है और भारत से निष्पक्ष और समय पर कानूनी प्रक्रिया सुनिश्चित करने का आह्वान किया। हालांकि पाकिस्तान के मामले में मिलर का बयान अलग देखा जाता रहा है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अगस्त 2023 में गिरफ्तार किया गया था। मिलर ने तब इसे पाकिस्तान का आंतरिक मामला बताया था। मिलर से पूछा गया था कि क्या उन्हें लगता है कि इमरान की सुनवाई निष्पक्ष होगी? इसपर उन्होंने कहा था, ‘हमारा मानना है कि यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है।’ इसके अलावा उन्होंने इमरान को सजा सुनाए जाने की भी कोई आलोचना नहीं की थी।
एस जयशंकर ने सुनाई खरी-खरी
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद जर्मनी, अमेरिका और यूएन ने टिप्पणी की थी। इस पर ध्यान दिलाने के लिए मंगलवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने ‘मर्यादा’ शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि संप्रभु राष्ट्र के रूप में हमें एक-दूसरे के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
विदेश मंत्री जयशंकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ये पुरानी और हानिकारक आदतें हैं। उन्होंने कहा, ‘ये पुरानी आदतें हैं। ये बुरी आदतें हैं। मैं देशों के बीच मर्यादा शब्द का इस्तेमाल करता हूं। हम संप्रभु देश हैं और एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।’
-एजेंसी
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