भारत ने विश्व कप अब तक दो बार उठाया है। पहली बार वर्ष 1983 में और दूसरी बार वर्ष 2011 में। पहली विश्व कप जीत का सेहरा महान ऑलराउंडर और तत्कालीन कपिल देव के सिर बंधता है और दूसरी जीत का तमगा उस टीम के कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी को दे दिया जाता है। अब धोनी को क्रेडिट दिए जाने पर दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
वर्ष 2011 के विश्व कप की बात करें तो उस पूरे टूर्नामेंट में ऑलराउंडर युवराज सिंह का प्रदर्शन काफी प्रभावी रहा था। फाइनल तक टीम को पहुंचाने में उनकी भूमिका सबसे अधिक रही थी। वहीं, फाइनल मुकाबले में भी गौतम गंभीर और युवराज सिंह का प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने जीत में बड़ी भूमिका निभाई। लेकिन जीत का सेहरा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के सिर बंधने पर हरभजन सिंह ने सवाल खड़ा कर दिया है। विश्व कप की जीत वाली टीम का हिस्सा रहे हरभजन ने धोनी को क्रेडिट दिए जाने पर नाराजगी जताई है।
लोगों पर जताई नाराजगी
धोनी को विश्व कप जीत का क्रेडिट दिए जाने पर हरभजन सिंह ने नाराजगी जताई है। उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा कि ऑस्ट्रेलिया जब विश्व कप में जीत दर्ज करता है तो उस समय हर कोई कहता है कि देश ने विश्व कप जीता। 2011 में भारत ने जब विश्व कप जीता तो लोगों ने कहा, एमएस धोनी ने विश्व कप जीता। अगर ये बात थी तो बचे 10 खिलाड़ी क्या वहां लस्सी पीने गए थे, गौतम गंभीर ने क्या किया, दूसरों ने क्या किया?
क्रिकेट को टीम गेम बताते हुए हरभजन ने कहा कि जब सात-आठ खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो आपकी टीम आगे बढ़ेगी।
भारत 28 साल बाद जीता था कप
भारत ने वर्ष 2011 में 28 साल बाद आईसीसी विश्व कप जीता था। फाइनल मुकाबले में धोनी ने 91 रन बनाए थे। इस मैच में आखिर में नुवान कुलसेकरा की गेंद पर जड़ा गया उनका विजयी छक्का उन्हें विश्व का सर्वश्रेष्ठ फिनिशर के रूप में स्थापित कर दिया। हालांकि, जीत का पूरा श्रेय धोनी को दिए जाने पर गौतम गंभीर भी नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने करीब दो साल पहले एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि विश्व कप 2011 पूरे भारत, भारतीय टीम और सभी के समर्थन से जीता गया था।
धोनी की गंभीर की पारी से मिली थी जीत
विश्व कप के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने 50 ओवरों में 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे। मैच में हरभजन सिंह ने 10 ओवरों की बॉलिंग में 50 रन देकर 1 विकेट लिए थे। वहीं, युवराज सिंह ने 10 ओवर में 49 रन देकर 2 विकेट लिए थे। जहीर खान को दो सफलता मिली थी। 275 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम का पहला विकेट महत 1 रन के स्कोर पर गिरा था। वीरेंद्र सहवाग बिना खाता खोले पवेलियन लौटे थे। भारत का दूसरा विकेट सचिन तेंदुलकर के रूप में 31 रन के स्कोर पर गिरा था। उन्होंने 18 रन बनाए थे। तीसरा विकेट कोहली के रूप में 114 के स्कोर पर गिरा। कोहली ने इस मैच में 35 रन बनाए थे।
तीसरा विकेट गिरने के बाद धोनी मैदान पर उतरे और उन्होंने गौतम गंभीर के साथ मिलकर 109 रनों की साझेदारी की। गंभीर ने 122 गेंदों में 9 चौकों की मदद से 97 रन बनाए। इसके बाद धोनी और युवराज ने 54 रनों की साझेदारी कर भारत को जीत दिला दी। धोनी ने इस मैच में 79 गेंदों में 8 चौके और 2 छक्के की मदद से 91 रन बनाए थे। युवराज 21 रन बनाकर नाबाद रहे थे।
-एजेंसियां
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.