चार बार विधायक रहे विजय मिश्र पर 70 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। बसपा सरकार में उनके खिलाफ साल 2009 में पुलिस ने आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था। उसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार आने के बाद मुकदमे की सुनवाई लंबित हो गई। हालांकि 2020 में जेल जाने के बाद उनके नए और पुराने मामले में सुनवाई तेज हुई।
करीब 13 साल तक चली सुनवाई के बाद सोमवार को एसीजेएम साधना गिरी की अदालत ने आर्म्स एक्ट के मुकदमे में दो साल कारावास की सजा सुनाई। जिला शासकीय अधिवक्ता दिनेश पांडेय और सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि आर्म्स एक्ट के मुकदमे में कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है।
चार बार रहे विधायक
विधायक विजय मिश्र तीन बार सपा और चौथी बार निषाद पार्टी से विधायक चुने गए। ज्ञानपुर विधानसभा एक ऐसी सीट थी जिस पर आजादी के बाद कोई दोबारा विधायक नहीं हुआ लेकिन विजय मिश्र इस सीट से चार बार विधायक हुए जिसे लेकर उन पर आरोप लगते रहे कि अपने बाहुबल से जीत दर्ज की। 2017 में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने टिकट काट दिया था।
तब विजय मिश्र पार्टी से बगावत कर निषाद पार्टी से चुनाव लड़े और जीते। 18 अक्तूबर 2020 को बनारस की एक गायिका ने गोपीगंज थाने में विजय मिश्र के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया।
विधायक के ऊपर नए पुराने कुल 70 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। साल 2020 में पुलिस ने विजय मिश्र को तब गिरफ्तार कर लिया जब वो उज्जैन से महाकालेश्वर के दर्शन कर लौट रहे थे। तभी से वो आगरा जेल में निरुद्ध हैं।
-एजेंसी
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