हिमस्खलन वाले इलाके में 13वें माइलस्टोन तक जाने का पास जारी किया जाता है। इसके आगे जाने की परमिशन नहीं होती। बताया जा रहा है कि सैलानी जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर 14वें माइलस्टोन तक चले गए और यहीं हादसा हो गया।नाथुला दर्रा चीन की सीमा पर स्थित है। प्राकृतिक सुंदरता के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षक जगह है।
सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब 11.10 बजे, गंगटोक को नाथु-ला से जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर भारी हिमस्खलन हुआ। नाथु-ला के रास्ते में 20-30 पर्यटकों के साथ लगभग 5-6 वाहनों के बर्फ के नीचे दबे होने की आशंका है। घटना की जानकारी मिलते ही त्रिशक्ति कोर, भारतीय सेना और बीआरओ परियोजना की स्वास्तिक की टीम तुरंत राहत व बचाव कार्य शुरू किया।
सेना प्रवक्ता ने बताया कि शाम चार बजे तक 23 पर्यटकों को बचाया गया है, इनमें छह को गहरी घाटी से बचाया गया है। उन्हें भारतीय सेना की नजदीकी चिकित्सा सुविधाओं में स्थानांतरित कर दिया गया। इस हादसे में सात लोगों ने दम तोड़ दिया है। सूत्रों के मुताबिक इनमें चार पुरुष, दो महिला और एक बच्चा शामिल है। घायलों को इलाज के लिए गंगटोक के एसटीएनएम अस्पताल और सेंट्रल रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सेना, राज्य आपदा प्रबंधन दल और पुलिस लोगों की तलाश में राहव वह बचाव अभियान जारी रखे हुए है। इसके अलावा सड़क से बर्फ हटाने के बाद रास्ते में फंसे 350 पर्यटकों और 80 वाहनों को बचाया गया।
गंगटोक-नाथुला रोड पर शाम 5.35 बजे उसी स्थान पर एक और हिमस्खलन हुआ। हिमपात भी शुरू हो गया है, जिससे बचाव अभियान खतरनाक हो गया है। ज्यादा हिमस्खलन के डर से जिला प्रशासन द्वारा बचाव और तलाशी अभियान बंद कर दिया गया है। हिमस्खलन के कारण JNM एक्सिस अब बंद है।
#WATCH | Troops of Trishakti Corps, Indian Army undertake a rescue mission at Gangtok-Natu La road near Milestone 15 in Sikkim where an avalanche struck, claiming seven lives.
Seven others were administered first aid and returned to Gangtok. The road has been opened for traffic… pic.twitter.com/oCseR3HVKW
— ANI (@ANI) April 4, 2023
Compiled: up18 News