नोएडा के डिफाल्टर बिल्डर्स पर नोएडा प्राधिकरण बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। इसका खाका खींचने के लिए नोएडा अथॉरिटी के सीईओ ने शुक्रवार को अपने विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की है। बताया जाता है कि इसमें 24 बिल्डर भी उपस्थित थे। इस बैठक का उद्देश्य बकायेदार बिल्डर्स के यहां फंसी राशि वसूलना था। उनसे यह राशि कैसे वसूली जाए, इस बारे में कुछ रणनीति बनी है।
बिल्डर्स पर हजारों करोड़ रुपये का बकाया
बताया जाता है कि नोएडा के करीब 60 बिल्डरों पर अथॉरिटी का 2,600 करोड़ रुपए का बकाया है। इस फंसी हुई राशि को वसूलने का पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है। योजना है कि जो बिल्डर डिफॉल्टर हैं, उनके खिलाफ आरसी जारी कर उनको आवंटित की गई जमीन को वापस अपने कब्जे में लिया जाए। इसी क्रम में सीईओ लोकेश एम ने ग्रुप हाउसिंग विभाग के अधिकारियों तथा 24 बिल्डरों के साथ बैठक की।
बैठक में सीईओ ने साफ कहा कि जिन बिल्डरों ने प्राधिकरण के बकाए का भुगतान नहीं किया है, उनके खिलाफ आरसी जारी की जाए। आरसी जारी करने के साथ-साथ बकाए के संबंध में समाचार पत्रों में भी सूचना प्रकाशित कराई जाए।
लगेगा डिफाल्टर्स के खिलाफ बोर्ड
जो बिल्डर्स डिफाल्टर्स हैं, उनके परियोजना स्थल को चिन्हित किया जा रहा है। उनके परियोजना स्थल पर बकाए का उल्लेख करते हुए बोर्ड भी लगाया जाएगा। सीईओ ने कहा कि उनके जरिए की जा रही जनसुनवाई में आए दिन सोसाइटी की इमारत की गुणवत्ता खराब होने, कार पार्किंग की समस्या, बेसमेंट में जलभराव, लिफ्ट खराब होने या कम होने समेत कई तरह की शिकायतें आ रही हैं। इन समस्याओं का बिल्डर अपने स्तर से तत्काल गुणवत्ता पूर्वक निस्तारण कराना सुनिश्चित करें।
पूरी हो चुकी परियोजना एओए को हस्तांतरित हो
सीईओ का कहना है कि जिन बिल्डरों की पिरयोजना पूरी हो चुकी और उस परियोजनाओं में अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन या एओए (AOA) गठित है, उनमें यूपी अपार्टमेंट एक्ट 2016 में दिए गए प्रावधानों के तहत परियोजना के अनुरक्षण के लिए विधिक रूप से एओए को हस्तगत किया जाए।
बैठक में सीईओ ने कहा कि निर्देश देने के बावजूद 2 महीने बाद भी सिर्फ 6 परियोजना के बिल्डरों ने ही एस्क्रो एकाउंट खुलवाए हैं। ऐसे में बचे बिल्डर हर हाल में 26 अगस्त 2023 तक खाता खुलवा लें वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
Compiled: up18 News
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