फ्रांस में अब धार्मिक स्थानों को मिलने वाली फंडिंग की भी जांच होगी। आतंकवाद और कट्टरपंथ की फ्रांसीसी वॉच लिस्ट के अनुसार कुछ धार्मिक जगहों में शिक्षा के नाम पर कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा दिया जा रहा है। फ्रांसीसी सरकार ने धार्मिक फंडिंग की जांच के लिए 2,450 मस्जिदों की सूची बनाई है।
फ्रांस ने अपने देश में आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। शरण के नाम पर फ्रांस में रह रहे 20 हजार से ज्यादा मुस्लिम कट्टरपंथियों को देश से निकालने के लिए लिस्ट बना ली है। फ्रांस के गृह मंत्रालय ने ये कदम हाल में एक टीचर की चाकू मारकर हत्या के बाद उठाया है। इसमें आरोपी युवक को मुस्लिम कट्टरवाद से प्रेरित था।
कट्टरपंथ को बढ़ावा देते हैं
गृह मंत्रालय का मानना है कि रूस सहित पूर्वी यूरोप के देशों से शरण मांगने के नाम पर बड़ी संख्या में लोग फ्रांस में बस रहे हैं। ये फ्रांस की लोकतांत्रिक व्यवस्था का अनुचित फायदा उठा कट्टरपंथ को बढ़ावा देते हैं।
फ्रांस ने 2017 से 2021 के दौरान सात लाख लोगों को शरण दी थी। इनमें से छह लाख पाकिस्तान, सीरिया, लीबिया, मोरक्को, और क्रोएशिया के थे। अब सरकार ने शरण मांगने वालों की प्रति वर्ष संख्या एक लाख के औसत से घटाकर 75 हजार करने का ऐलान किया है।
फ्रांस के स्कूलों में फुल बुर्के पर बैन लगेगा
फ्रांस ने 2 महीने पहले ही सरकारी स्कूलों में लड़कियों के अबाया पहनने पर बैन लगाने का फैसला किया था। फ्रांस के शिक्षा मंत्री गैब्रियल एटॉल ने टीवी चैनल टीएफ1 को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि हमने यह तय किया है कि सरकारी स्कूलों में अबाया नहीं पहना जाएगा। अबाया एक तरह का फुल बुर्का होता है।
उन्होंने कहा कि जब आप क्लासरूम में जाएं तो आपके धार्मिक पहचान कपड़े देखकर तय नहीं होनी चाहिए। यह कदम फ्रांसीसी स्कूलों में अबाया पहनने पर महीनों की बहस के बाद आया है, जहां महिलाओं के हिजाब पहनने पर लंबे समय से प्रतिबंध लगा हुआ है।
2010 में नकाब पर बैन लगाया था
फ्रांस ने 2004 में स्कूलों में हेडस्कार्फ पहनने पर और 2010 में सार्वजनिक रूप से पूरे चेहरे के नकाब पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे फ्रांस में रहने वाली 50 लाख मुस्लिम लोगों में अब तक नाराजगी है। फ्रांस के सरकारी स्कूलों में बड़े क्रॉस, यहूदी किप्पा और इस्लामी हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति भी नहीं हैं।
Compiled: up18 News
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