इंडियन आर्मी ने भारत-चीन सीमा (LAC) पर चीन की भाषा मंदारिन बोलने वाले अफसर तैनात किए हैं। ये सभी अफसर भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा हैं। पूर्वी लद्दाख में चल रहे भारत-चीन विवाद को सुलझाने में इनकी मदद ली जाएगी।
न्यूज़ एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया, मंदारिन लैंग्वेज में अच्छी पकड़ और अन्य जरूरी मानकों पर खरा उतरने के बाद 5 अफसरों को अगस्त में टेरिटोरियल आर्मी में शामिल किया गया है। ये पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के साथ बॉर्डर पर होने वाली मीटिंग में मदद करने के लिए फॉरवर्ड पोस्ट पर रहेंगे।
टेरिटोरियल आर्मी अपने उत्तरी, पूर्वी और मध्य कमांड में मंदारिन कोर्स पहले से ही चला रही है। इसके लिए सेना ने कई यूनिवर्सिटी से समझौता भी किया है।
कई राउंड की परीक्षा, 5 अफसर हुए भर्ती
मंदारिन बोलने में माहिर इन पांच अफसरों की भर्ती प्रक्रिया आसान नहीं थी। कैंडीडेट्स को कई राउंड से गुजरना पड़ा। पहला राउंड जनवरी में शुरू हुआ था और कुछ महीने पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी हुई। इसमें मंदारिन भाषा में पकड़ रखने वाले विभिन्न कैंडीडेट को पहले रिटेन एग्जॉम, फिर इंटरव्यू से गुजरना पड़ा। आखिर में पांच अफसरों की अगस्त में भर्ती हुई। इसमें शामिल अफसरों की औसत उम्र 30 साल है।
बॉर्डर विवाद पर मीटिंग के दौरान बाइलिंगुअल का रोल
इन पांच अफसरों को लद्दाख में फॉरवर्ड बेस में तैनात किया गया है। वे भारत-चीन बॉर्डर मीटिंग के दौरान भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच बाइलिंगुअल (दो भाषा जानने वाले) की भूमिका निभाएंगे लेकिन उन्हें बॉर्डर पर होने वाली मीटिंग के अलावा अन्य नौकरियों में भी तैनात किया जा सकता है।
Compiled: up18 News