सेना ने ‘अग्निपथ’ स्कीम के तहत अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया

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लिखित परीक्षा ऑनलाइन होगी। इसके लिए नॉमिनेटेड सेंटर में जाकर उम्मीदवार ऑनलाइन लिखित परीक्षा दे सकते हैं। यह परीक्षा 60 मिनट की होगी। जो इसमें पास होगा, उनकी भी मेरिट लिस्ट बनेगी। उस हिसाब से ही युवाओं को फिर आगे भर्ती रैली में फिजिकल के लिए बुलाया जाएगा। एग्जाम का तीसरा चरण होगा मेडिकल टेस्ट का। आगे से सेना में अग्निवीर की सभी भर्ती इसी प्रक्रिया के तहत होंगी।

पिछले साल सेना के लिए 40 हजार अग्निवीरों की भर्ती की गई, जिनकी अभी ट्रेनिंग चल रही है। चार साल बाद इनमें से अधिकतम 10 हजार अग्निवीरों को स्थायी होने का मौका मिलेगा। इस साल फिर 40 हजार अग्निवीरों की भर्ती होगी। अगले साल 45 हजार और उसके अगले साल यानी 2025 में 50 हजार अग्निवीरों की सेना में भर्ती की जाएगी।

नौसेना ने भी बदली है भर्ती प्रक्रिया

भारतीय नौसेना में भी अग्निवीर की भर्ती प्रक्रिया इस बार पिछले साल के मुकाबले थोड़ी अलग है। नौसेना में अग्निवीर बनने के लिए जो युवा अप्लाई करेंगे, उनके दस्तावेजों की जांच के बाद उन्हें पहली स्क्रीनिंग के लिए बुलाया जाएगा। ‘इंडियन नेवल एंट्रेस टेस्ट’ के जरिए पहले स्टेज में उन्हें शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। यह टेस्ट ऑनलाइन होगा और देशभर में जो अलग-अलग सेंटर होंगे, वहां जाकर युवाओं को यह ऑनलाइन टेस्ट देना होगा। इस एंट्रेस टेस्ट में जो मेरिट लिस्ट बनेगी, उसके आधार पर युवाओं को दूसरे चरण के लिए बुलाया जाएगा। दूसरे चरण में युवाओं की मेडिकल-फिजिकल और लिखित परीक्षा होगी। फिर इसके आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी और युवाओं को कॉल लेटर भेजा जाएगा।

अब तक उम्मीदवारों के स्कूल बोर्ड के अंकों के हिसाब से कटऑफ तयकर उन्हें लिखित परीक्षा के लिए बुलाया जाता था। इससे कई युवाओं की यह शिकायत रहती थी कि 90% अंकों वालों को ही नेवी ने अग्निवीर बनने के लिए लिखित परीक्षा का मौका दिया। लेकिन अब एंट्रेस टेस्ट के जरिए बनी मेरिट के हिसाब से उन्हें बुलाया जाएगा।

Compiled: up18 News


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