इस बीच, 16 सितंबर से जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच पहली बार सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामनेई का बयान सामने आया। रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक परेड के बाद उन्होंने विवाद का सारा ठीकरा अमेरिका और इजराइल के सिर पर फोड़ दिया। विरोध प्रदर्शनों में कुल 96 लोगों की मौत हो चुकी है।
ईरान में 16 सितंबर को महसा अमीनी की मॉरल पुलिस की कस्टडी में मौत हो गई थी। उन्हें 13 सितंबर को हिजाब न पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद देश में हिजाब और सख्त पाबंदियों के खिलाफ विरोध प्रर्दशन शुरू हुए।
खामनेई बोले- अमेरिका और इजराइल की चाल
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई 16 सितंबर को प्रदर्शन शुरू होने के बाद पहली बार बोले। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, 83 साल के खामनेई ने कहा- यह विरोध प्रदर्शन नहीं, दंगे हैं। इसके पीछे साफ तौर पर अमेरिका और यहूदी यानी इजराइल का हाथ है। उनके एजेंट्स हिंसा करा रहे हैं। इन क्रिमिनल्स और चोरों का विरोध करें।
खामनेई ने आगे कहा- युवा लड़की (माहसा अमिनी) की मौत का हमें भी दुख है। लेकिन, क्या बिना सबूत और बिना जांच के आप हिंसा करेंगे? पवित्र ग्रंथ जलाएंगे। मस्जिदों और कारों में आग लगाएंगे। हिजाब पहनने वाली महिलाओं के हिजाब उतारेंगे।
-up18news/pnn
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