बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले राज्य में हाल ही में घटी आपराधिक घटनाओं को लेकर सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार विपक्ष के निशाने पर है। विपक्षी नेता राज्य में बदहाल कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच यूपी की पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती ने सीएम नीतीश की ओर से चुनाव से ठीक पहले की जा रही घोषणाओं को लेकर हमला बोला है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बिहार में बदहाल कानून-व्यवस्था से ध्यान हटाने के लिए CM नीतीश की ओर से की गयी घोषणाएं चुनावी छलावा लगती हैं। मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बिहार में क़ानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति की राष्ट्रीय चर्चाओं के बीच, संभवतः लोगों का ध्यान बाँटने के लिए, राज्य में एनडीए गठबंधन की सरकार के मुख्यमंत्री श्री नीतिश कुमार द्वारा चुनाव बाद सरकार बनने पर अगले पाँच साल में एक करोड़ लोगोें को नौकरी और रोज़गार उपलब्ध कराने की घोषणा वास्तव में लोगों को हकीकत से दूर, उनके अनुभवों के आधार पर, ’अच्छे दिन’ जैसी जुमलेबाज़ी व चुनावी छलावा ज़्यादा लगता है।”
मायावती ने आगे लिखा, “वैसे तो विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के चुनावी वादे, दावे, घोषणाओं व छलावों के साथ-साथ कानून-व्यवस्था व कार्यकलापों आदि को लेकर इनके चाल, चरित्र व चेहरे आदि को जनता भलीभाँति जानती है, फिर भी अपनी छल व छलावा की राजनीति की आदत से मजबूर येे विरोधी पार्टियाँ चुनाव से पूर्व इस प्रकार के अनेकों लोक लुभावने वादे करने में ज़रा भी नहीं डरती व घबराती हैं। इसी क्रम में बिहार की वर्तमान गठबंधन सरकार का नौकरी व रोज़गार का वादा इनके अन्य वादों से ज़्यादा मेल खाता है, जो जनता वास्तव में अब तक के उनके अनुभव के आधार पर जानती भी है।”
उन्होंने आगे कहा, “निश्चिय ही बिहार की जनता सोच-समझकर ग़रीब व सर्वजन हितैषी सरकार चुनेगी, बशर्ते कि चुनाव बाहुबल, धनबल तथा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से मुक्त पूर्णतः स्वतंत्र व निष्पक्ष हो तथा सभी ग़रीबों, मज़दूरों एवं अन्य मेहनतकश लोगों को वोट करने का सही से मौका मिले। चुनाव आयोग इसका पूरा ध्यान ज़रूर रखेगा, ऐसी उम्मीद।”
-साभार सहित