शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की घोषणा, नई शिक्षा नीति के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार

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इसलिए लिया जा रहा है फैसला

एनसीएफ के मुताबिक बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी और छात्रों को सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है ताकि छात्रों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर मिले। इसके बाद छात्र उन विषयों की बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं जिन्हें उन्होंने पूरा कर लिया है और जिनके लिए वे तैयार होते हैं। बोर्ड परीक्षाएं महीनों की कोचिंग और याद करने के बजाय एचिवमेंट पर फोकस होंगे।

कक्षा 11वीं-12वीं में होगी दो भाषाओं की पढ़ाई

कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को अब से दो भाषाएं पढ़नी होंगी और कम से कम एक भाषा भारतीय भाषा होनी चाहिए। वहीं, ये भाषाएं विषयों की पसंद स्ट्रीम तक सीमित नहीं होगी। इस संबंध में जल्द संबंधित बोर्डों की तरफ से भी निर्देश जारी किया जाएगा। माना जा रहा है कि NCF के ड्राफ्ट के बाद बोर्ड तैयारी में जुट जाएंगे।

अभी तक साल में एक बार आयोजित होंती हैं बोर्ड परीक्षाएं

अभी साल में बोर्ड परीक्षाएं एक बार आयोजित की जा रही हैं। ऐसे में किसी भी स्टूडेंट्स को फेल होने पर सिर्फ कंपार्टमेंटल और स्क्रूटनी का रास्ता ही पास होने के लिए बचता है। हालांकि, कोरोना काल में सीबीएसई बोर्ड की तरफ से सेमेस्टर वाइज परीक्षाएं एक साल के लिए जरूर आयोजित की गई थी। लेकिन कोरोना से स्थितियां सामान्य होने पर फिर से सीबीएसई की परीक्षाएं पुराने पैटर्न पर आयोजित होने लगीं।

Compiled: up18 News