आगरा: घरवालों की डांट से नाराज छात्रा ने छोड़ा घर, सामाजिक कार्यकर्ता की सूझबूझ से गलत लोगों के हाथ में जाने से बची युवती

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आगरा: घरवालों की डांट से नाराज होकर घर से भागी 11वीं की छात्रा बुरे लोगों के हाथ में जाने से बच गई। एक यात्री ने देखा कि अकेले लड़की को कुछ लोग बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने का प्रयास कर रहे हैं तो उसने इसकी जानकारी शहर के सोशल एक्टिविटी नरेश पारस को दी। उनकी मदद से यात्री ने जीआरपी और आरपीएफ के सहयोग से उस छात्रा को रेस्क्यू किया जिससे छात्रा की जिंदगी और इज्जत दोनों ही बच गयी।

नाराज होकर घर से निकली थी छात्रा

इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाकर पोस्ट करने के शौक ने रांची की एक ग्यारहवीं की छात्रा को हीरोइन बनने का चस्का लगा दिया। परिवारीजनों के वीडियो बनाने से मना करने पर युवती हीरोइन बनने के लिए फ़िल्मी स्टाइल में घर से भाग निकली और बिना टिकट के ट्रेन में बैठ गयी। ट्रेन में कुछ गलत लोगों की नजर युवती पर पड़ गयी और वो उसे बहलाकर अपने साथ ले जाने लगे। इस दौरान आगरा के एक यात्री व्यापारी ने माहौल को देखते हुए शहर के एक सोशल एक्टिविस्ट नरेश पारस की मदद से जीआरपी और आरपीएफ के साथ मिलकर आगरा में लड़की को रेस्क्यू किया और परिजनों के हवाले कर दिया।

आगरा के अरविन्द झा जो चेन बनाने की मशीन बेचने का काम है। वो चंबल एक्सप्रेस से रांची से लौट रहे थे। ट्रेन में उन्हें एक लड़की दिखाई दी। कुछ लोग उसे नौकरी दिलवाने और हीरोइन बनाने का झांसा देकर अपने साथ चलने के लिए बहला रहे थे। माहौल देखकर उन्हें शक हुआ तो उन्होंने आगरा में महफूज संस्था के कोर्डिनेटर नरेश पारस को इसकी जानकारी दी। नरेश पारस ने ट्विटर के माध्यम से रेलवे, जीआरपी और आरपीएफ से मदद मांगी और खुद भी आगरा कैंट स्टेशन पहुंच गए। ढाई घंटे तक जगह जगह मदद मांगने के बाद आरपीएफ से फोन आया और फिर रेस्क्यू आपरेशन की तैयारी हुई। आगरा कैंट स्टेशन पर ट्रेन पहुँचने पर युवती को रेस्क्यू किया गया।

बिना टिकट कर रही थी यात्रा

पूछताछ में युवती बालिग़ निकली और उसने अपना नाम रेशु (बदला हुआ नाम) बताया। समाजसेवी नरेश पारस ने बताया की युवती शुक्रवार को ट्रेन में सवार हुई थी और उसके पास मात्र 800 रुपये थे। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हुए युवती ने कहा माय लाइफ इज माय ड्रीम और उसी ड्रीम को पूरा करने वो निकली है। युवती के पास टिकट नहीं था और उसे यह भी तय नहीं था की5 उसे कहां जाना है। ट्रेन से उतरने के बाद भी हम लोग उसे समझा कर उसे अपने साथ ले जाने का प्रयास कर रहे थे। युवती से नंबर लेकर उसके परिजनों को सूचना दी गयी और रात दो बजे उसकी दिल्ली निवासी बुआ आगरा आईं। तस्दीक के बाद आरपीएफ ने युवती को उनके सपुर्द कर दिया। गनीमत रही कि आगरा के कारोबारी ने उसे बचा लिया वरना वो बड़ी मुश्किल में फंस सकती थी।

मानव तस्कर हुए सक्रिय

छात्रा ट्रेन में बिना टिकट चंबल एक्सप्रेस में यात्रा कर रही थी। वह गुमसुम बैठी थी। उसके आसपास के लोगों ने भांप लिया शोहदे उसे तंग करने लगे। उसे प्रलोभन देने लगे। कुछ मानव तस्कर भी सक्रिय हो गए। वह उस युवती के पीछे लग गए। इसी ट्रेन में आगरा के व्यापारी अरविंद झा सफर कर रहे थे। उन्होंने लोगों को रोका और कहा कि यह मेरे साथ आगरा जा रही है। उन्होंने तत्काल सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस को फोन पर पूरी जानकारी दी। नरेश पारस ने आगरा कैंट स्टेशन पहुंच कर युवती को ट्रेन से उतार लिया। पूछताछ करने पर छात्रा ने बताया कि वह रांची में अपनी बुआ के यहां रहकर पढ़ती है। उसका परिवार दिल्ली रहता है। नरेश पारस ने युवती की बात परिजनों से कराई। लड़की की बुआ आगरा के लिए निकल पड़ी

ट्वीट पर सक्रिय हुई जीआरपी

कैंट स्टेशन पर लड़की को उतारकर रेलवे चाइल्ड लाइन को सूचित किया। आधार कार्ड देखने पर बालिग पाई गई। बुआ के आने तक युवती को सुरक्षित रखने के लिए नरेश पारस ने रेल मंत्रालय, जीआरपी तथा आरपीएफ को ट्वीट किया।। जीआरपी हेड क्वार्टर के आदेश पर आरपीएफ थाने में युवती को पुलिस ने रखा सुबह करीब दो बजे युवती की बुआ को आरपीएफ ने लिखा पढ़ी के बाद उसे सुपुर्दगी में दे दिया। युवती और उसकी पुलिस तथा सामाजिक कार्यकर्ता को बार बार धन्यवाद दे रही थी।

-एजेंसी


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