आगरा: चाइनीस मांझा में फंसी चील, पैर-आंखों में लगी चोट, वाइल्ड लाइफ ने किया रेस्क्यू

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आगरा: रकाबगंज थाना क्षेत्र के छीपीटोला क्षेत्र में एक चील पतंग के मांझे में फंसी पेड़ से लटकी हुई मिली। लोगों ने इसकी सूचना वाइल्डलाइफ एसओएस को दी। उसकी रैपिड रिस्पांस यूनिट तुरंत मौके पर पहुँच गयी। मौके पर पहुंचे टीम के सदस्यों ने घायल पक्षी को सुरक्षित पेड़ से नीचे उतारा और मांझा हटाया। चील को फिलहाल चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया है और उसका इलाज चल रहा है।

चील को बचाने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट के दो सदस्यों के साथ वन विभाग और आगरा नगर निगम के कर्मचारी भी मौजूद रहे। चील तक पहुंचने के लिए एक स्काई लिफ्ट का उपयोग करना पड़ा, क्योंकि वह पेड़ की ऊपरी शाखाओं में फंसी हुई थी। पेड़ के शीर्ष पर पहुंचने पर, चील को बिना किसी तनाव के धीरे से पकड़ कर नीचे लाया गया। एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद चील को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया।

पैरों और पंखों पर मांझे से लगी चोट

चील को जब रेस्क्यू किया गया तो देखा गया कि चील के पैरों और पंखों पर मांझे के कारण चोट लगी है। घायल अवस्था में उसे तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस ट्रांजिट फैसिलिटी में ले जाया गया। वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवा के उप-निदेशक डॉ. इलियाराजा ने बताया कि विस्तृत चिकित्सा जांच से पता चला कि चील को पैरों और पंखों में चोट है। हालांकि चोटें मामूली हैं, लेकिन वह फिलहाल उड़ने में असमर्थ है और अभी निगरानी में है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं, कि पक्षी नियमित अंतराल पर अपना भोजन और पानी प्राप्त करे जिससे उसे जल्द ही वापस छोड़ा जा सके।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि चाइनीस मांझा एक तेज कांच या धातु लेपित नायलॉन स्ट्रिंग है, जिसका उपयोग पतंग उड़ाने के लिए किया जाता है। ये तार पक्षी के मांस और हड्डी को काट सकते हैं, जिससे जान को खतरा हो सकता है। हमें खुशी है कि समय पर सूचने मिलने पर इस पक्षी की जान बचा सके।

कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि ब्लैक काइट (चील) एक मध्यम आकार का पक्षी है। यह दुनिया की सबसे प्रचुर प्रजाति माना जाती है, हालांकि इनकी आबादी में घटते जंगल, शिकार में कमी और कृषि कीटनाशकों के कारण गिरावट या उतार-चढ़ाव का अनुभव किया जा रहा है। चील शिकारी पक्षी होती है। उनके आहार में विभिन्न प्रकार की मछलियां, सरीसृप और अन्य छोटे स्तनधारी और पक्षी भी शामिल हैं।