PM से शिकायत के बाद AMU ने पाक और मिस्र के लेखकों की किताबें पाठ्यक्रम से हटाईं

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इस्लामिक स्टडीज विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद इस्माइल का कहना है कि बोर्ड की बैठक के बाद इन दोनों लेखकों की सभी किताबों को कोर्स से हटा दिया गया है। हालांकि इस किताब में आपत्तिजनक कुछ नहीं लिखा है। जिसे लंबे अर्से से विवि में पढ़ाया जा रहा है। लेखक ने कुरान की रोशनी में इस्लामिक स्टेट की बात कही है, वह भी लोकतंत्र से जुड़ा हुआ है। सऊदी अरब हुकूमत ने उनकी किताबों को प्रतिबंधित कर रखा है क्योंकि उन्होंने किताबों में लोकतंत्र की वकालत की है, जबकि सऊदी अरब में राजतंत्र है।

लेखकों की प्रोफाइल

मौलाना अबुल आला मौदूदी: 25 सितंबर 1903 में औरंगाबाद (हैदराबाद) में जन्मे मौलाना अबुल आला मौदूदी जमात ए इस्लामी हिंद की संस्थापकों में से रहे हैं । वह 1942 से 1967 तक की अवधि में पाकिस्तान की अनेक जेलों में पांच साल तक रहे। 1953 में उनकी पुस्तक कादियानी मसला को आधार बनाकर फौजी अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई जो बाद में आजीवन कारावास में तब्दील हुई। इन्होंने 100 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं जो कि 40 देशों की भाषाओं में अनुवाद की गईं हैं। 1979 में सऊदी अरब में किंग फैसल पुरस्कार मिला। 22 सिंतबर 1979 को न्यूयार्क में मृत्यु हुई।

सैयद कुतुब: इजिप्ट (मिस्र) निवासी सैयद इब्राहिम हुसैन उर्फ सैयद कुतुब का जन्म 9 अक्तूबर 1906 को हुआ था। उन्हें सलाफी जिहादवाद का पिता माना जाता है। इन्होंने 40 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। जिनमें सामाजिक न्याय और मालीमफाई अल तारिक (मील के पत्थर) और कुरान की छाया में चर्चित एवं प्रमुख पुस्तकें रहीं हैं। 1966 में मिश्र के राष्ट्रपति जमाल अब्देल नासिर की हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था। उसी मामले में उन्हें फांसी पर लटका दिया गया था।

-एजेंसी