केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राज्यों के सहकारिता मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति से इस क्षेत्र में समग्र बदलाव होंगे। गृहमंत्री ने कहा, नई नीति का मसौदा तैयार करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। इसमें हर राज्य का प्रतिनिधित्व होगा।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि देश में अभी 65 हजार सक्रिय प्राथमिक कृषि साख संस्थाएं (PAC) हैं। हमने अगले पांच साल में तीन लाख पीएसी गठित करने का लक्ष्य रखा है। 2.25 लाख नई समितियों के पंजीयन का लक्ष्य है। उन्होंने राज्यों के सहकारिता मंत्रियों से कहा कि वे उप-नियमों को जल्दी से अपनाएं और इन समितियों को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम करें।
उन्होंने कहा कि नई नीति का फोकस सहकारिता समितियों का मुफ्त पंजीयन, कम्प्यूटरीकरण, लोकतांत्रिक चुनाव, सक्रिय सदस्यता, नेतृत्व और पारदर्शिता में व्यावसायिकता, समिति पदाधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करना होगा। इसे लेकर सहकारिता क्षेत्र के सभी हितधारकों के साथ चर्चा की जाएगी। शाह ने कहा कि नई नीति सहकारी क्षेत्र में समग्र विकास लाएगी।
अमित शाह ने कहा, समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति का मसौदा तैयार करने के लिए समिति गठित; इसमें हर राज्य का प्रतिनिधित्व होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु समिति के अध्यक्ष होंगे। निष्क्रिय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को जल्द से जल्द समाप्त किया जाए ताकि नए पैक्स का निर्माण किया जा सके।
उन्होंने कहा कि हमने विभिन्न सहकारी समितियों में आवश्यक प्रशिक्षित जनशक्ति हासिल करने के लिए सभी राज्यों में एक सहकारी विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कॉलेजों का निर्माण करने का निर्णय लिया है।
-एजेंसी