दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और जी-20 देशों के अध्यक्ष भारत की अमेरिका ने जमकर प्रशंसा की है। साथ ही भविष्यवाणी की है कि साल 2023 भारत का होगा और हिंदुस्तान दुनियाभर में अपने लीडरशिप का शानदार प्रदर्शन करेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस में हिंद प्रशांत क्षेत्र के समन्वयक कुर्ट कैंपबेल ने कहा कि इस वर्ष अमेरिकी कूटनीति में भारत पर बड़ा फोकस रहेगा। अमेरिका का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत इस साल बेहद प्रभावशाली जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा है और दुनियाभर में गरीब और विकासशील देशों की आवाज बन रहा है।
जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित हिंद-प्रशांत भविष्यवाणी 2023 कार्यक्रम के तहत कुर्ट कैंपबेल ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश भारत की ओर देख रहे हैं। भारत एक ऐसा देश है जिसे वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में और ज्यादा भूमिका निभाते हुए देखना चाहते हैं। कैंपबेल ने कहा, ‘हमारा हित इसमें है कि भारत एक बड़ी और जिम्मेदारी भरी भूमिका निभाए। वह हर चीज करे जो हम अभी कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वॉड का सदस्य भारत इस साल जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है और अमेरिकी कूटनीति के फोकस में रहेगा।
जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में आएंगे बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के सहायक कुर्ट ने संकेत दिया कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में इस साल राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की और ज्यादा यात्राएं होने जा रही हैं। भारत सितंबर महीने में नई दिल्ली में जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है जिसमें जो बाइडन हिस्सा लेने पहुंचेंगे। कैंपबेल ने कहा कि अमेरिका भारत की रूसी हथियारों पर से निर्भरता को कम करने के लिए मदद को तैयार है। भारत के अभी 85 फीसदी हथियार रूसी मूल पर आधारित हैं। माना जाता है कि इसी वजह से भारत ने यूक्रेन युद्ध पर रूस की आलोचना नहीं की है।
कैंपबेल ने कहा, ‘हमने जोर देकर स्पष्ट रूप से कहा है कि अमेरिका भारत को रूसी हथियारों से निर्भरता को कम करने में मदद के लिए तैयार है। हम समान सोच वाले देशों के साथ मिलकर काम करेंगे।’ उन्होंने कहा कि हाल के समय में भारत के अधिकारियों से मुलाकात हुई है और उनकी सोच और रुचि हमारे जैसी ही है।
पैसफिक फोरम में शोधकर्ता अखिल रमेश ने कहा कि भारत अमेरिका को ग्लोबल साउथ से जुड़ने का मौका देता है। ग्लोबल साउथ में गरीब और विकाशील देश शामिल हैं।
भारत के सहारे ग्लोबल साउथ पर अमेरिका की नजर
रमेश ने कहा कि ग्लोबल साउथ में शामिल देश यह जानते हैं कि भारत की कई देशों से रणनीतिक गठजोड़ है, इसके फलस्वरूप वे चाहते हैं कि नई दिल्ली वैश्विक समस्याओं जैसे वैक्सीन या विवाद रोकने में लीडरशिप की भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि मैक्सिको के राष्ट्रपति से लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की तक ने हाल के दिनों में पीएम मोदी से बातचीत की है। वे चाहते हैं कि भारत यूक्रेन रूस युद्ध का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान कराए। इस सप्ताह भारत ने पहले वाइस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन का आयोजन किया है। इसमें एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के विकासशील देशों को वर्चुअल तरीके से जोड़ा गया। भारत के साथ अच्छे रिश्ते करके अमेरिका इन देशों में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है।
Compiled: up18 News
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