रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर यूक्रेन में आम चुनाव कराने के लिए अमेरिका से ज्यादा फंड मांगने पर निशाना साधा है। एक मीडिया इंटरव्यू में विवेक रामास्वामी ने अपने उस बयान का भी बचाव किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वह अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वह यूक्रेन को दी जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती कर देंगे।
यूक्रेनी राष्ट्रपति की आलोचना की
भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने कहा कि ‘तुष्टीकरण से मुझे दिक्कत है। मैं इस बारे में साफ रहना चाहता हूं कि हमें अमेरिकी लोगों से सच बोलना चाहिए। अगर पुतिन एक दुष्ट तानाशाह है, जो कि वो है, इसका मतलब ये नहीं है कि यूक्रेन अच्छा है। यूक्रेन वो देश है, जहां 11 विपक्षी पार्टियों पर प्रतिबंध लगाया गया। साथ ही सारे मीडिया को एक सरकारी मीडिया के साथ मिला दिया गया। वहां के राष्ट्रपति ने बीते एक हफ्ते पहले ही एक नाजी की तारीफ की और अमेरिका को धमकी दी है कि अगर अमेरिका ने उन्हें और फंड नहीं दिया तो वह यूक्रेन में आम चुनाव नहीं करा सकेंगे।’
विवेक रामास्वामी ने अपने चुनाव अभियान में विश्वास जताते हुए कहा कि वह अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। रामास्वामी ने कहा कि छह महीने पहले देश के अधिकतर लोग मेरे बारे में नहीं जानते थे लेकिन अब मैं कई मामलों में तीसरे-चौथे नंबर पर हूं। मुझे लगता है कि हम अपने अभियान में आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन यह मेरे या ट्रंप के बारे में नहीं है बल्कि यह अमेरिका के बारे में है।
व्हाइट हाउस में सीईओ की हो तैनाती
रामास्वामी ने कहा कि ‘मैं देश के युवा लोगों तक पहुंचना चाहता हूं ताकि हम 16 साल तक के बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने की नीतियां बना सकें। हमें ऐसी चर्चा करनी पड़ेगी जिससे हम चीन से आर्थिक आजादी हासिल कर सकें। रामास्वामी ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि जब व्हाइट हाउस में एक सीईओ की तैनाती की जाए।’ रामास्वामी ने जो बाइडन सरकार की आर्थिक नीतियों की भी आलोचना की।
Compiled: up18 News
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