तुर्की की अमेरिकी एफ-16 लड़ाकू विमान पाने की उम्मीदें अब धुंधली होती नजर आ रही हैं। इस कारण तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन अब यूरोपीय लड़ाकू विमान यूरोफाइटर टाइफून पर नजर गड़ाए बैठे हैं। तुर्की के रक्षा मंत्री यासर गूलर ने कहा है कि उनका देश 40 यूरोफाइटर टाइफून जेट खरीदने के लिए ब्रिटेन और स्पेन के साथ बातचीत कर रहा है, हालांकि जर्मनी ने इस पर आपत्ति जताई है।
यूरोफाइटर टाइफून का यूके, जर्मनी, इटली और स्पेन संयुक्त रूप से निर्माण करते हैं। यूरोफाइटर टाइफून एक मल्टीनेशनल ट्विन इंजन, कैनार्ड डेल्टा विंग, मल्टीरोल फाइटर जेट है। इसे प्रमुख रूप से एयर सुपीरियरिटी विमान के तौर पर विकसित किया गया है।
तुर्की के रक्षा मंत्री ने संसद को जी जानकारी
अंकारा में एक संसदीय सुनवाई में तुर्की के रक्षा मंत्री यासर गूलर कहा, “हम खरीद पर काम कर रहे हैं।” “अब ब्रिटेन और स्पेन जर्मनी को समझाने का प्रयास कर रहे हैं, (हालांकि) हम जर्मनी के साथ बातचीत नहीं कर रहे हैं…
यदि संभव हो तो हम 40 यूरोफाइटर टाइफून जेट खरीदने की योजना बना रहे हैं। इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने जर्मनी को मनाने के लिए बर्लिन की यात्रा की ओर चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से मुलाकात भी की। इसके बाद एर्दोगन ने कहा कि यूरोफाइटर खरीद सौदे को जर्मन प्रतिरोध का सामना करने के बाद उनकी सरकार लड़ाकू विमानों की खरीदारी जारी रखेगी।
जर्मनी से लौटकर एर्दोगन ने भरा दंभ
एर्दोगन ने जर्मनी से लौटने पर कहा कि हम एक ऐसा देश बनने की राह पर हैं जो अपने हथियारों का उत्पादन और उपयोग करता है। हम लड़ाकू विमानों की अपनी जरूरतों को लगातार पूरा करने के लिए भी कदम उठा रहे हैं। नाटो सदस्य तुर्की इससे पहले अमेरिका से एफ-16 खरीदने की कोशिश में था, लेकिन अमेरिका ने ऐसा करने से मना कर दिया।
अमेरिका का तर्क है कि तुर्की के पास रूसी एस 400 मिसाइल सिस्टम है। ऐसे में वह तुर्की को अपना एफ-16 लड़ाकू विमान नहीं बेच सकते हैं। अमेरिका ने एस-400 खरीद के कारण ही एफ-35 प्रोग्राम से तुर्की को बाहर कर दिया था।
Compiled: up18 News