रामचरित मानस पर अपने विवादित बोल को लेकर हाई कोर्ट तक से झटका खाने वाले सपा के राष्ट्रीय महासचिव और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। दीपावली के दिन उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में देवी लक्ष्मी के अस्तित्व पर सवाल उठा दिए। उनके इस बयान पर न केवल भाजपा और कांग्रेस हमलावर हैं बल्कि सपा के अंदर से भी नसीहत मिलनी शुरू हो गई है। भाजपा ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को भी निशाने पर लिया है। हालांकि, स्वामी अपने बयान पर कायम हैं और वैज्ञानिकता का तर्क दे रहे हैं।
पार्टी के अंदर से भी मिली नसीहत
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि रामायण के अपमान पर चुप रहे सपा मुखिया अखिलेश यादव की माता महालक्ष्मी जी के अपमान पर भी चुप्पी साबित करती है कि उन्होंने स्वामी को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर सनातन हिंदू धर्म के अपमान का एजेंडा सौंप रखा है। स्वामी के बयानों में सपा प्रमुख की ही सोच है।
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि स्वामी को इलाज की जरूरत है, उनके बोलने पर पाबंदी लगाई जाए। खास बात यह है कि सपा से भी स्वामी को नसीहत दी गई है। प्रवक्ता आईपी सिंह ने स्वामी के विवादित पोस्ट को टैग करते हुए कहा है कि ‘आपकी बेटी बदायूं से सांसद हैं अपने को सनातनी बताती हैं कोई पूजा-पाठ नहीं छोड़तीं। कम से कम आप अपने बेटे-बेटी को समझा लेते। पार्टी को नुकसान पहुंचाना बंद करिये।’
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये कहा था
दरअसल, दीपावली के मौके पर स्वामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपनी पत्नी की पूजा करते हुए फोटो पोस्ट की। इसमें देवी लक्ष्मी के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए उन्होंने लिखा- ‘विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग और देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट और पीठ ही होती है तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है? …यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपनी घरवाली की पूजा व सम्मान करें जो सही मायने में देवी है।’
Compiled: up18 News