नई दिल्ली। देवास-एंट्रिक्स विवाद (Devas-Antrix dispute) में एयर इंडिया को बड़ी राहत मिली है। एयर इंडिया (Air India) को क्यूबेक अपील कोर्ट से कनाडा कोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने की मंजूरी मिल गई है जिसके तहत बेंगलुरू आधारित देवास मल्टीमीडिया के विदेशी निवेशकों को एयर इंडिया की संपत्ति जब्त करने की इजाजत मिल गई थी।
यह विवाद 2005 का है जिसमें ISRO के कमर्शियल आर्म एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन और देवास मल्टीमीडिया के बीच एक डील हुई थी, बाद में इस डील को रद्द कर दिया गया था. वर्ष 2005 में एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन के साथ उपग्रह सौदा रद्द होने के चलते मुआवजा हासिल करने के लिए देवास को यह कोष जब्त करने की इजाजत दी गई थी।
न्यायाधीश क्रिस्टीन बॉडुइन ने 11 फरवरी के एक फैसले में एयर इंडिया की इस अपील पर सहमति जताई कि अदालत को मॉरीशस स्थित तीन निवेशकों और जर्मनी की डॉयचे टेलीकॉम के दावे पर फिर से विचार करना चाहिए कि एयरलाइन भारत सरकार की है और इसलिए उससे वसूली की जानी चाहिए।
न्यायाधीश ने एक संक्षिप्त आदेश में कहा, ‘‘अपील के गुणदोष या सफलता की संभावना पर राय व्यक्त किए बिना, मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि इस मामले को अदालत में पेश करना चाहिए।’’ उन्होंने मामले की सुनवाई के लिए 13 मई की तारीख निर्धारित की है। एयर इंडिया ने देवास के विदेशी निवेशकों की मांग को यह कहते हुए खारिज करने की अपील की है कि 27 जनवरी, 2022 को टाटा समूह द्वारा इसके अधिग्रहण के बाद अब यह सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी नहीं है।
2011 में इस डील को रद्द किया गया था
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान वर्ष 2005 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स और देवास के बीच स्पेक्ट्रम उपयोग को लेकर करार हुआ था। यह सौदा 2011 में इस आधार पर रद्द कर दिया गया कि ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम की नीलामी धोखाधड़ी में हुई थी और सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य सामाजिक उद्देश्यों के लिए एस-बैंड उपग्रह स्पेक्ट्रम की जरूरत थी।
भारत सरकार को तीनों मामलों में मिली थी हार
इसके बाद देवास मल्टीमीडिया ने इंटरनेशनल चैंबर्स ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) में फैसले के खिलाफ मध्यस्थता कार्रवाई शुरू की, इसके अलावा देवास के निवेशकों द्वारा दो अन्य मध्यस्थता कार्रवाई भी शुरू की गईं। भारत को तीनों मामलों में हार का सामना करना पड़ा और नुकसान की भरपाई के लिए कुल 1.29 अरब डॉलर का भुगतान करने को कहा गया।
IATA के पास जमा फंड का 50 फीसदी जब्त करने की अनुमति
कनाडा की एक अदालत ने देवास मल्टीमीडिया के शेयरधारकों को एयर इंडिया के 50 फीसदी कोष को जब्त रखने की अनुमति दी है, जिसे वैश्विक एयरलाइंस निकाय IATA के पास रखा गया था। इसके अलावा एक फ्रांसीसी अदालत ने देवास को पेरिस में भारतीय संपत्तियों को जब्त करने की इजाजत भी दी है।
– एजेंसी