नई दिल्ली। ओपनएआई के चैटजीपीटी की सफलता ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एप्लीकेशन में एक्सपर्ट प्रोफेशनल की डिमांड के साथ ग्लोबल कंपनियां डबल सैलरी ऑफर कर रहीं हैं। IT सेक्टर की प्रतिनिधि संस्था नैसकॉम के मुताबिक, देश में अभी 4.16 लाख AI इंजीनियर्स हैं। लेकिन, ये जरूरत से 51% कम हैं। अब भी 2.13 लाख अतिरिक्त AI इंजीनियर्स की डिमांड है।
टेक कंपनियां AI इंजन बनाने में जुटीं
दरअसल गूगल से लेकर बैदू और माइक्रोसॉफ्ट तक लगभग हर टेक कंपनी AI इंजन बनाने में जुटी है। इसके चलते सिलिकॉन वैली से लेकर यूरोप, एशिया और कई अन्य देशों में AI इंजीनियर्स की भर्ती हो रहा है।
AI एक्सपर्ट 30-50% इन्क्रीमेंट के साथ जॉब स्विच कर रहे
हेल्थकेयर, फाइनेंस और एंटरटेनमेंट कंपनियों में भी AI की डिमांड बढ़ने लगी है। लेकिन, जरूरत भर AI इंजीनियर नहीं मिल रहे हैं। स्थिति ये है कि AI एक्सपर्ट लगातार 30-50% इन्क्रीमेंट के साथ जॉब स्विच कर रहे हैं। कई कंपनियां इन्हें दोगुनी सैलरी ऑफर कर रही हैं।
भारत में बिग डेटा टैलेंट का दूसरा सबसे बड़ा पूल
ग्लोबल टेक इंडस्ट्री का बैक ऑफिस के तौर पर मशहूर भारत भी डिमांड-सप्लाई का गैप पाट नहीं पा रहा है। नैसकॉम के मुताबिक भारत के पास हाई स्किल वाले AI, मशीन लर्निंग और बिग डेटा टैलेंट का दूसरा सबसे बड़ा पूल है। दुनिया के AI टैलेंट पूल में 16% हिस्सेदारी के साथ भारत अमेरिका और चीन के साथ दुनिया के टॉप तीन टैलेंट मार्केट में शुमार है।
बेंगलुरू में तेज होगा AI टैलेंट हंट
बोस्टन के कार सब्सक्रिप्शन स्टार्टअप फ्लेक्सकार बेंगलुरू में डेटा साइंस हब के लिए इंजीनियर्स और कंप्यूटर विजन स्पेशलिस्ट की टीम बना रहा है। फ्लेक्सकार के अधिकारी डुमलाओ ने कहा कि बेंगलुरू में डेटा इंजीनियरिंग टैलेंट काफी हैं, लेकिन ये पर्याप्त नहीं है। इस शहर में AI टैलेंट हंट तेज होने वाला है।
बीते साल भारत में खुले 66 नए टेक इनोवेशन सेंटर
भारत में बीते साल 66 नए टेक इनोवेशन सेंटर खुले। इन्हें ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (CGC) या कैप्टिव्स कहा जाता है। अब इनकी कुल संख्या करीब 1600 हो गई है।
अफोर्डेबल और स्किल्ड टैलेंट की उपलब्धता के चलते दुनियाभर की कंपनियां भारत, खासतौर पर बेंगलुरू में CGC और R&D हब स्थापित कर रही हैं।
Compiled: up18 News