आगरा। आगरा की चांदी पायल, ब्रेसलेट, चेन देशभर में धूम मचा रहीं हैं। चांदी के उत्पादों की डिमांड बढ़ने से पिछले पांच वर्षों में उत्पादन के लिए करीब 200 यूनिट आज बढ़कर 500 तक पहुंच गईं हैं। पायल के मामले में आगरा ने मुम्बई, राजकोट, अहमदाबाद, कोल्हापुर को मात देकर आज उत्पादन के ममले में पहले स्थान पर पहुंच गया है। आगरा में लगभर दो लाख लोगों को सर्राफा कारोबार व्यवसाय दे रहा है। गिफ्ट आयटम में आगरा के चांदी के बर्तनों की भी मांग बढ़ रही है।
आगरा सर्राफा एससिएशन के अध्यक्ष नितेश अग्रवाल ने बताया कि मुम्बई, अहमदाबाद, राजकोट की फैंसी, सेलम की मद्रासी, मथुरा की ट्ठा पायल, कोल्हापुर की छुनपुन पायल काफी चलन में थी। लेकिन पिछले पांच वर्षों में युवा पीढ़ी की पसंद के अनुरूप मजबूती के साथ हल्की डिजायन होने के कारण आगरा पायलों ने अपना विशेष स्थान बना लिया है।
आगरा सर्राफा मैन्यूफैक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष बृजमोहन रैपुरिया ने बताया कि भारत में चांदी के प्रोडक्ट की 60 फीसदी खपत को आगरा पूरा कर रहा है। चांदी के बर्तनों का उत्पाद कुछ वर्ष पहले तक 2-4 लोग ही करते थे, आज उनकी संख्या बढ़कर 15-20 हो गई है। दैनिक जीवन में प्रयोग किए जाने वाली डिजायन के कारण आगरा के चांदी बर्तनों की डिमांग काफी बढ़ी है। डिजायनिंग में भी बदलाव आया है। चांदी की एडी (अमेरिकन डायमंड) ज्वैलरी व कलर स्टोन की ज्वैलरी की डिमांड भी बढ़ रही है।
कॉमन फैसिलिटी सेन्टर कमेटी का हुआ गठन
नितेश अग्रवाल ने बताया कि चांदी के प्रोडक्शन में एशिया का हब होने के बावजूद आगरा में कोई कॉमन फैसिलिटी सेन्टर नहीं है। ऐसी कोई जगह नहीं जहां कारीगरों को अन्तरार्ष्ट्रीय स्तर के पैरामीटर के अनुरूप प्रशिक्षित किया जा सके। विश्व स्तर पर भी आगरा के चांदी के प्रडक्ट की काफी डिमांड है। एसोसिएशन द्वारा इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। कॉमन फैसिलिटी सेन्टर के लिए सरकारी प्रक्रिया को जल्दी पूरा करेगी।
सोने की फोल्डिंग ज्वैलरी लुभा रही
ज्वैलरी प्रदर्शनी में सोने की फोल्डिंग ज्वैलरी विशेष आकर्षण बनी रही। वाईके सन्स के यहां मुम्बई के उत्पाद में पहली बार फोल्डिंग ज्वैलरी आयी है। गौरव वर्मा ने बताया कि नित नए पैशन का जमाना है। हाल ही में फोल्डिंग ज्वैलरी फैशन में आयी है, फोल्डिंग इयरिंग को फोल्ड करके भी रखा जा सकता है। ज्वैलरी की डिजायनिंग सीएनसी कटिंग में हैं।