मथुरा: भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) दर्जनों समस्याओं को लेकर पिछले कई महीनों जनपद स्तर मांग कर रही है,लेकिन प्रशासन द्वारा सुनवाई नहीं होने पर भाकियू के सब्र का बांध अब टूटने लगा है। दर्जनों मांग पत्रों के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं होने के बाद भाकियू ने एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है।
किसानो की प्रमुख मांगो में समस्याओं बलदेब से कैलाश मार्ग है, जो वर्तमान में जजर्र पड़ी हुई है। 10 किमी की दूरी वाले इस मार्ग में गड्ढो के अलावा सब कुछ है,अगर कुछ नहीं है तो वो है सही रास्ता जिसको लेकर किसानों का गुस्सा फूट रहा है। सड़क पर गड्ढो की वजह से आय दिन लोग हादसों का शिकार होते हैं, प्रसब पीड़ा से पीड़ित महिलाओं को सड़क पर गढ्डों के चलते मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। किसानो की माने तो गर्भवती महिला को बलदेब स्थित डोरी लाल स्वस्थ केंद्र तक ले जाते समय कई बार जच्चा-बच्चा दोनों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।
इस रोड के चलते कई बार रोगियों को अस्पताल ले जाते समय मृत्यु की गहरी नींद में सोना पड़ा है।समझ मे नही आता कि सड़क में गड्ढे है या गड्डो में सड़क है।
ललित शर्मा, मंडल प्रवक्ता, भाकियू टिकैत आगरा मंडल
शासन प्रसाशन का बलदेब के किसानों की प्रति कोई संवेदना नहीं है,ये सब कुम्भकर्णीय नींद में सोए हुए हैं, जनप्रतिनिधियों को जगाना का आगाज शुरू करते हुए भाकियू टिकैत ने आंदोलन की रणनीति तैयार कर आंदोलन की घोषण की है।
गजेंद्र परिहार,मंडल अध्यक्ष आगरा, भाकियू टिकैत
इस अवसर पर मंडल महासचिव तेज बहादुर सोनी, मंडल उपाध्यक्ष गजेंद्र गावर, मंडल कोषाध्यक्ष जगदीश परिहार, शहर अध्यक्ष मुजाहिद कुरैशी युवा शहर अध्यक्ष सिराजुद्दीन किसान नेता विश्वेंद्र चौधरी तनवीर फैजान सहित सैंकड़ो की संख्या बल में किसान सरदारी मौजूद रही।
रिपोर्टर- योगेश तयगी
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