आगरा: सोमवार को जिला मुख्यालय पर कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देखकर वहाँ मौजूद हर व्यक्ति यह कहने को मजबूर था कि सरकार और स्थानीय प्रशासन कितनी कठोर और स्वार्थी है। एक दिव्यांग बेटी अपने माता-पिता के साथ जिला मुख्यालय पहुँची और इलाज के अभाव में देश के पीएम नरेंद्र मोदी से इच्छा मृत्यु की मांग की। उसका कहना था कि उसे इंसाफ तो नहीं मिला लेकिन वो तिल तिल कर मरना नहीं चाहती है। इसलिए उसे इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए।
हादसे ने बदल दी जिंदगी
सोमवार को दहतोरा गांव निवासी राजकुमारी परिवार और भारतीय दिव्यांग यूनियन के पदाधिकारियों के साथ जिला मुख्यालय पहुँची। यहाँ पर सभी धरने पर बैठ गए। इस दौरान राजकुमारी ने बताया कि छः साल पहले एक ट्रक से एक्सीडेंट हो गया था। हादसे में उसकी कमर और कोल्हू से रीढ़ की हड्डी पर गंभीर चोट आई थी और वो आज तक ठीक नहीं हो पाई है। परिवार के लोगों में बताया कि राजकुमारी के मल मूत्र विसर्जन के लिए नली लगी हुई है और चलने फिरने से लाचार होने के कारण वो बिस्तर पर ही है। पीड़िता के पिता दौजीराम व मां नयनी ने अपना घर-बार सब बेच दिया है और अब उनके पास इलाज के लिए पैसे भी नहीं बचे हैं।
इंसाफ मिले या फिर इच्छामृत्यु
दिव्यांग राजकुमारी ने कहा कि 6 साल पहले हुए एक्सीडेंट का दर्द आज भी उनके जहन में है। उस घटना के बाद उनकी जिंदगी ही बदल गयी जो सिर्फ दर्द और आंसुओ में कट रही है। राजकुमारी ने कहा कि इस घटना के बाद उसे इंसाफ नहीं मिला लेकिन अब वो चाहती है कि उसे इंसाफ मिले या फिर इच्छा मृत्यु।
बढ़ रहा है इंफेफशन
पीड़िता और उसकी मां का कहना है की अब वो इलाज कराने में अक्षम हैं और बेटी का आयुष्मान कार्ड भी 2011 की जनसंख्या लिस्ट में नाम न होने के कारण नहीं बन पा रहा है। उसके शरीर में इंफेक्शन लगातार बढ़ रहा है। जल्द इलाज न होने पर उसकी मौत निश्चित है। तड़प कर मरने से अच्छा है कि हमें इच्छा मृत्यु की इजाजत मिल जाये।
दिव्यांग यूनियन के अध्यक्ष बॉबी गोला ने पीड़िता का आयुष्मान योजना का कार्ड बनाने और उसकी सम्भव मदद करने की प्रशासन से अपील की है। पूरे प्रकरण पर एडीएम सिटी अंजनी कुमार का कहना है की सीएमओ को जांच के लिए कहा गया है और प्रशासन स्तर पर मदद कराने का प्रयास किया जा रहा है। इनका इलाज करवाया जाएगा।
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