आगरा: वाइल्डलाइफ एसओएस ने किया कई ज़हरीले सांपो का रेस्क्यू

विविध

असमान्य स्थानों पर सांप दिखने की बढ़ती घटनाओं में, वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने कीथम रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक से रेड सैंड बोआ को बचाया, जिसके तुरंत बाद ही टीम ने रुनकता स्थित 508 रेलवे फाटक से ज़हरीले कोबरा सांप का भी रेस्क्यू किया।

वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने सिकंदरा के एक आवास में पानी की बाल्टी केअंदर बैठे चेकर्ड कीलबैक सांप को भी सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया !
बुधवार की सुबह, रुनकता स्थित 508 रेलवे फाटक कर्मचारियों के होश उड़ गए जब उन्होंने एक जहरीले कोबरा सांप को कंट्रोल पैनल के निकट देखा l सूचना पर पहुची वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट ने सांप को सुरक्षित रेस्क्यू किया जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली।

एक अन्य घटना में, कीथम रेलवे स्टेशन की रेलवे ट्रैक पर रेड सैंड बोआ सांप देखा गया। सांप को देखते ही रेलवे स्टेशन मास्टर ने किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस की रेस्क्यू हेल्पलाइन (+91-9917109666) पर कॉल कर सूचना दी।

वन्यजीव संरक्षण संस्था की रेस्क्यू टीम स्टेशन पर पहुंची और सांप को सावधानीपूर्वक पटरी से रेस्क्यू कर बाद में वापस जंगल में छोड़ दिया।

चूँकि कीठम रेलवे स्टेशन सूर सरोवर पक्षी विहार के निकट स्थित है, इसलिए वाइल्डलाइफ एसओएस टीम को अक्सर प्लेटफॉर्म या रेलवे ट्रैक पर सांप एवं अन्य वन्यजीव दिखने की कॉल प्राप्त होती हैं। इस ही साल में, एक जहरीले कोबरा सहित लगभग चार सांपों को टीम ने स्टेशन परिसर से बचाया है।

एनजीओ ने सिकंदरा की लव कुश विहार कॉलोनी में घर के बगीचे से चार फुट लंबे चेकर्ड कीलबैक सांप को भी बचाया। गर्मी से निजात पाने के लिए सांप पानी से भरी बाल्टी में बैठा था। यह प्रजाति के सांप ज़्यादातर झीलों, नदियों और तालाबों के साथ-साथ नालि, कृषि भूमि और कुएँ में भी पाए जाते हैं। हालांकि चेकर्ड कीलबैक ज़हरीले नहीं होते, लेकिन खतरा महसूस होने पर यह आक्रामक भी हो जाते हैं, इसलिए टीम को रेस्क्यू करते वक़्त ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ी।

गर्मी से निजात पाने के लिए सांप पानी से भरी बाल्टी में बैठा था

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “सांप एक्टोथर्मिक होते हैं, मतलब वह अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए बाहरी स्त्रोत का उपयोग करते हैं। इसलिए, गर्मी के दिनों में, वे ठंडे स्थानों की तलाश में बाहर निकलते हैं। हमारी टीम ऐसे रेस्क्यू ऑपरेशन को संभालने में अच्छी तरह से प्रशिक्षित है, और यह सुनिश्चित करती है कि सांपों को बिना किसी नुकसान के बचाया जाए।”

वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा, “बढ़ते अतिक्रमण के कारण जानवर जंगलों से बाहर आते है, जिसके बाद ऐसी घटनाएं होती हैं l इन अत्यधिक गलत समझे जाने वाले सरीसृपों के प्रति लोगों की करुणा और उनके संवेदनशील दृष्टिकोण को देखकर हमें ख़ुशी है। हम लोगों से अनुरोध करते हैं की वह हमारे संरक्षण के प्रयासों का इसी प्रकार समर्थन करते रहे और हमारी हेल्पलाइन पर ऐसी किसी भी घटना की सूचना दें। ”


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.