आगरा। एक बीमार व्यक्ति को परिजन ठेले पर रखकर अस्पताल ले गये। रास्ते में व्यक्ति की मौत हो गई। चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों के मुताबिक बीमार व्यक्ति का काफी दिनों से इलाज चल रहा था। तबीयत खराब होने पर तत्काल अस्पताल ले जा रहे थे, जहां मौत हो गई। मौत के बाद भी परिजनों द्वारा मृतक के शव को ठेले पर ले जाने की तस्वीरें वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मगर कहीं ना कहीं बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लापरवाही की अजीबोगरीब तस्वीरें सामने आ रही है। ऐसा ही मामला कस्बा बाह क्षेत्र में देखने को मिला है। जिसमें मजीद खान पुत्र राजा खान उम्र करीब 60 वर्ष निवासी मोहल्ला सुनरट्टी कस्बा बाह काफी दिनों से बीमार थे। व्यक्ति का आगरा अस्पताल में एक निजी डॉक्टर से इलाज चल रहा था।
परिजनों के मुताबिक रविवार को अचानक बीमार व्यक्ति की तबियत बिगड़ गई। आनन-फानन में परिजन बीमार मजीद को ठेले पर ही रखकर सीएचसी केंद्र बाह के लिए भाग लिए, रास्ते में अचानक व्यक्ति की मौत हो गई। सीएचसी केंद्र पहुंचने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जिससे परिजनों में कोहराम मच गया।
ठेले पर ही मृतक व्यक्ति के शव को रखकर परिजन घर पहुंचे। परिजनों द्वारा ठेले पर व्यक्ति को ले जाते शर्मनाक तस्वीरें और वीडियो सामने आने पर सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिस पर बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लोगों ने सवाल खड़े कर दिए।
आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एंबुलेंस 102 और 108 को लगाया गया है। मगर वह लोगों तक कितनी देर में पहुंच पाती हैं यह सवाल बड़ा है। आखिर ठेले पर बीमार व्यक्ति को लेकर परिजन क्यों पहुंचे यह मामला संदिग्ध है। लोगों की माने तो परिजनों द्वारा एंबुलेंस को सूचना नहीं दी गई थी।
इसी संदर्भ में सीएचसी केंद्र बाह प्रभारी जितेंद्र कुमार वर्मा का कहना है कि व्यक्ति को परिजन सीएचसी केंद्र पर लेकर पहुंचे थे। एंबुलेंस को लेकर कोई सूचना नहीं दी गई थी। अस्पताल में मृतकों के शव को ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं है। परिजनों से किसी वाहन द्वारा ले जाने के लिए पूछा था मगर उन्होंने मना कर दिया।