आगरा:- आगरा-मथुरा नगर परिवहन सेवा (एएमसीटीएस) के अधीन शहर में संचालित होने वाली ई-बसों के पहिये बृहस्पतिवार सुबह थम गए। इन बसों के चालकों ने फाउंड्री नगर स्थित इलेक्ट्रॉनिक बस डिपो पर बसों को चलाने से मना कर दिया। अचानक सभी चालकों के इन्कार के बाद एक भी ई-बस का संचालन शुरू नहीं हो सका। इसकी वजह से भगवान टॉकीज, रामबाग, बिजली घर, आगरा कैंट, ईदगाह के साथ कई ग्रामीण क्षेत्रों में रोजाना सफर करने वाले 50 हजार से ज्यादा लोग बसों के इंतजार में परेशान होते रहे। अधिकारियों के आश्वासन पर आठ घंटे बाद करीब एक बजे बसों का संचालन शुरू हुआ।
केंद्र सरकार की जेएनएनयूआरएम स्कीम के तहत आगरा-मथुरा में शहर के लोगों को सामान्य दरों पर एसी बसों में सफर की सुविधा देने के लिए ई-बसों का संचालन शुरू किया गया था। वर्तमान में करीब सौ बसें आगरा शहर में संचालित हो रही हैं। सुबह पांच बजे से संचालित होने वाली इन बसों से रोजाना हजारों लोग अपने गंतव्य तक आना-जाना करते हैं। बृहस्पतिवार सुबह सभी चालक छह माह से पीएफ, ईएसआई और समय से वेतन न मिलने पर नारेबाजी करते हुए गेट पर हड़ताल पर बैठ गए। कर्मियों का कहना था की श्यामा श्याम नाम की कंपनी के जरिये भर्ती हुई है, वह समय से वेतन नहीं दे रही। साथ ही पीएफ और ईएसआई की जानकारी भी नहीं मिल रही है।
सुबह दस बजे जब दफ्तर टाइम पर बसें नहीं दिखी तो अधिकारी हरकत में आए। एमडी अंकित खंडेलवाल के निर्देश पर आला अधिकारियों ने चालकों से बातचीत शुरू की। कई बार हुई वातचीत के बाद तय हुआ कि कंपनी हर महीने दस तारीख से पहले वेतन जारी कर देगी। साथ ही मैसेज के जरिये पीएफ व ईएसआई कटौती की जानकारी दी जाएगी। अधिकारियों के आश्वासन के बाद चालकों ने बस संचालन शुरू किया।
वहीं 100 बसों में से तकरीबन 25 बसें मेंटिनेंस के अभाव में महीनों से धूल फाक रहीं हैं। आखिर क्या कारण है कि सरकार से समय पर पैसा आने के बावजूद न ही सभी बसों का संचालन हो पा रहा है और न ही उनकी देख रेख की जा रही है। श्यामा श्याम कंपनी द्वारा इस पूरे काम का ठेका लिया गया था। शुरुआत के समय मे सब कुछ बढ़िया चला लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ रहा है वैसे-वैसे कंपनी की खामियां भी सामने आने लगी हैं।
चालको का समय पर भुगतान न होने के कारण बसों का संचालन नही हो सका जिसके चलते कॉलेज और नौकरी पर जाने वाले लोगो को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। देश-विदेश से आए पर्यटक भी इन बसों के सहारे एक गंतव्य से दूसरे गंतव्य तक जाते हैं। ऐसे में प्रदूषण रहित इन बसों का संचालन न होना आगरा शहर की साख पर बट्टा लगा रहा है।
रिपोर्टर- लवी किशोर