आगरा। भारत के खिलाफ तुर्की के खुले झुकाव और पाकिस्तान के साथ उसकी बढ़ती साठगांठ ने आगरा के व्यापारियों में गहरा आक्रोश भर दिया है। इस आक्रोश के चलते अब शहर के व्यापारियों ने तुर्की के हर उत्पाद का पूर्ण बहिष्कार करने का ऐतिहासिक फैसला किया है। यह निर्णय मंगलवार को नूरी दरवाजा स्थित प्राचीन पेठा स्टोर पर आगरा व्यापार मंडल की विशेष बैठक में लिया गया, जिसमें शहर के प्रमुख व्यापार संगठनों ने राष्ट्रहित में एकजुट होकर भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता व्यापार मंडल के अध्यक्ष टी.एन. अग्रवाल ने की।
बैठक में व्यापार मंडल की ओर से न केवल व्यापारियों से, बल्कि शहर की जनता से भी भावुक अपील की गई कि वे तुर्की, अजरबैजान और पाकिस्तान के उत्पादों का पूर्ण बहिष्कार करें और स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता दें। इस पर ज़ोर दिया गया कि यही एक तरीका है जिससे भारत आर्थिक और रणनीतिक रूप से मजबूत होगा।
टी.एन. अग्रवाल ने तुर्की के भारत विरोधी रुख पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा, “भारत ने तुर्की को आपदा में मदद दी, लेकिन बदले में तुर्की ने भारत विरोधी रुख अपनाया। अब हमें ‘विदेशी छोड़ो, स्वदेशी अपनाओ’ को सिर्फ नारा नहीं, बल्कि अपनी व्यापार नीति बनाना होगा।” उन्होंने तुर्की से आने वाले सेब, अंजीर, खस के दाने, मुनक्का और लाहौरी नमक के पूर्ण बहिष्कार की घोषणा की।
शहीद भगत सिंह कुटीर पेठा संगठन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि तुर्की की कई मिठाइयों में आगरा के प्रसिद्ध पेठे का उपयोग होता था, लेकिन अब तुर्की के लिए पेठे का निर्यात रोक दिया गया है।
ताज ईस्ट गेट व्यापार समिति के सचिन बंसल ने कहा कि तुर्की के पर्यटकों की संख्या पहले से ही घट रही है, और अब आगरा से मार्बल उत्पाद भी वहां नहीं भेजे जा रहे हैं।
न्यू ग्रीन वेजिटेबल एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने पुष्टि की कि तुर्की से आने वाले सेब और आलूबुखारे की सप्लाई रुक गई है। उन्होंने कश्मीरी और हिमाचली सेब को बेहतर और स्वदेशी विकल्प बताया।
रावतपाड़ा बाजार समिति के अंशुल अग्रवाल ने जानकारी दी कि पोस्त का दाना, अंजीर और मुनक्का का आयात बंद कर दिया गया है, और लाहौरी नमक भी अब बाज़ार में नहीं आएगा। उन्होंने कहा, “इससे भाव भले बढ़ें, लेकिन हमारे लिए देश पहले है।”
ताज रोड व्यापार समिति के दुष्यंत गर्ग ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “सच्ची जीत वही है जो आर्थिक रूप से हो। हमें हर उस देश से व्यापारिक संबंध तोड़ने होंगे जो भारत के विरुद्ध षड्यंत्र करता है।”
आगरा के व्यापारियों का यह कदम देशव्यापी ‘तुर्की बहिष्कार’ अभियान को और मजबूती देगा, जो तुर्की द्वारा पाकिस्तान के साथ बढ़ती सैन्य और राजनीतिक साठगांठ के जवाब में उभरा है। यह दिखाता है कि देश के व्यापारी भी राष्ट्र की सुरक्षा और सम्मान के लिए आर्थिक बलिदान देने को तैयार हैं।