आगरा: देश के कई हिस्सों में भारी बारिश से यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। हरियाणा के हथिनी कुंड से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसका असर आगरा में भी दिखाई देना शुरू हो गया है। पिछले कुछ दिनों में जिले में यमुना का जलस्तर बढ़ा है। उधर जलस्तर बढ़ने से दिल्ली में बाढ़ के हालात बन गए हैं। हथिनी कुंड से छोड़े गए पानी के तीन से चार दिन में आगरा पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि इससे आगरा में कोई खतरा नहीं होगा।
कई राज्यों में हो रही भारी बारिश के चलते दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में बाढ़ के हालात हैं। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार पहुंच गया है। दिल्ली में बाढ़ के हालात को लेकर प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से बात की है।
दिल्ली के हालात को देखते हुए आगरा में भी सिंचाई विभाग यमुना के जलस्तर पर नजर बनाए हुए है। सिंचाई विभाग के अधिकारी शरद सौरभ गिरि ने बताया कि बारिश के चलते आगरा में यमुना में जलस्तर बढ़ा है। वर्तमान में आगरा में यमुना का जलस्तर 185.3 फीट है। जो खतरे के निशान से काफी नीचे है।
हथिनी कुंड से छोड़ा गया तीन लाख क्यूसेक पानी तीन दिन में गोकुल बैराज पहुंचेगा। इसे आगरा में आने में करीब चार दिन का समय लग जाएगा। मगर, आगरा में पूरा पानी नहीं आएगा। आगरा में 193 फीट पर लो फ्लड लेबल है। ऐसे में जलस्तर यहां तक भी नहीं पहुंचेगा। ऐसे में आगरा में किसी प्रकार की परेशानी होने के आसार नहीं हैं।
बता दें कि आगरा में 45 साल पहले वर्ष 1978 में यमुना नदी बाढ़ आई थी। तब यमुना नदी का पानी आगरा की सड़कों और घरों में घुस गया था। बेलनगंज, फ्रीगंज, जीवनी मंडी, दरेसी समेत इलाकों में स्टीमर चलाने पड़े थे। सेना ने राहत कार्यों की कमान संभाली थी। फ्रीगंज, बेलनगंज, कचौड़ा बाजार, भैंरो बाजार, मोतीगंज, दरेसी में चार से 8 फुट तक पानी भर गया था। मोतीगंज बाजार में चीनी, देसी खांड, नमक, दालों, आटा और सूजी के गोदाम में पानी भरने से सब बर्बाद हो गया था।
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