आपराधिक संचार और जानबूझकर अपमानित करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज
आगरा: शहर की महिला साहित्यकार और कवि के बीच का विवाद पुलिस तक पहुंच गया है। महिला साहित्यकार भावना वरदान शर्मा की शिकायत पर थाना छत्ता पुलिस ने मंगलवार को कवि पवन आगरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। भावना ने इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग में भी शिकायत की है। उधर पवन आगरी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि वह समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ पुलिस के उच्चाधिकारियों से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे।
यह विवाद भावना वरदान शर्मा द्वारा संचालित संस्था के नाम से साहित्यिक आयोजन करने को लेकर है। भावना का कहना है कि उनकी संस्था ताज लिटरेचर क्लब शहर में साहित्यिक आयोजन कराती है। पवन आगरी ने उनकी संस्था के नाम का दुरुपयोग करते हुए ताज लिटरेचर फेस्ट कराने की घोषणा कर दी। भावना ने इस पर आपत्ति की तो यहीं से विवाद शुरू हो गया। पवन आगरी पर भावना शर्मा को धमकाने और दबाव में लेने के लिए कानूनी नोटिस भेजने के आरोप लगे। वहीं पवन आगरी का कहना है कि बाद में उन्होंने अपने आयोजन का नाम बदलकर ताज साहित्य उत्सव कर दिया, लेकिन उनके साथ फिर भी विवाद किया जाता रहा। इसीलिए उन्होंने कानूनी नोटिस भेजा।
दूसरी ओर भावना वरदान शर्मा का आरोप है कि पवन आगरी पहले उनकी संस्था के सदस्य थे, लेकिन उन्हें बाहर कर दिया गया। इसके बाद ही पवन ने विवाद खड़ा किया और अपने समर्थकों से भी फोन कराकर धमकियां दिलवाई। पवन आगरी राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता भी थे। इसलिए भावना ने रालोद के मुखिया जयंत चौधरी को भी ट्वीट करके शिकायत की। उनका दावा है कि इसके बाद पवन आगरी को राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हटा दिया गया। भावना ने बताया कि महिला साहित्यकार के अपमान पर सारे शहर ने विरोध जताया था। इस संबंध में भावना ने राष्ट्रीय महिला आयोग में भी शिकायत की है। जिसकी एक ऑनलाइन सुनवाई हो चुकी है।
इस पर पवन आगरी ने किसी भी समर्थक से धमकी दिलवाने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि इस विवाद को अनावश्यक हवा देने वाले कुछ लोग हैं, जो इस प्रकार के कुचक्र रच रहे हैं। वह कभी ताज लिटरेचर क्लब के सदस्य नहीं रहे। रालोद प्रवक्ता पद से हटाना भी पार्टी की अंदरूनी प्रक्रिया है और उन्हें ही नहीं बल्कि लगभग सभी प्रवक्ताओं को पद मुक्त किया गया है।
इस मामले में इंस्पेक्टर थाना छत्ता बृजेश गौतम ने मीडिया से कहा कि भावना वरदान शर्मा की शिकायत पर आपराधिक संचार और जानबूझकर अपमानित करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमे में बीएनएस की धारा 351 (2) और 352 में लगाई गई हैं। जांच के साथ ही विधिक कार्यवाही की जाएगी।
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