Agra News: शराब के ठेके के खिलाफ 15 दिन से चल रहा धरना समाप्त, महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान ने मौके पर पहुंचकर दिलाया न्याय

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आगरा। थाना डौकी क्षेत्र के कौलारा कलां गांव में शराब का ठेका हटाने की मांग को लेकर बीते 15 दिनों से धरना दे रहे समाजसेवी बंटी सिकरवार के धरने का आज समापन हो गया। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया और मौके पर पहुंचकर धरना समाप्त कराया। डॊ. बबीता चौहान को जब यह जानकारी मिली कि दस साल की एक बालिका भी अपने पिता का साथ देने के लिए धरने पर बैठ गई है तो वे बगैर देरी किए गांव पहुंचीं और धरने को खत्म कराया।

बंटी सिकरवार ने 15 दिन पहले यह धरना शुरू किया था, लेकिन अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही थी। पिता की हालत दस वर्षीय अंशिका पर देखी नहीं गई और बीते कल वह भी पिता का साथ देने के लिए धरने पर बैठ गई थी। अंशिका का कहना था कि जब उसके पिता की जान पर बन आएगी तो परिवार को कौन सहारा देगा। अंशिका के धरने पर बैठने के बाद भी सिस्टम पर ज्यादा असर नहीं हुआ, लेकिन जब राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डॊ. बबीता मौके पर पहुंचीं तो अधिकारी दौड़े-दौड़े पहुंच गये।

डॉ. बबीता चौहान के गांव में पहुंचने की सूचना मिलने पर कौलारा कलां की तमाम महिलाएं भी वहां पहुंच गईं जहां समाजसेवी बंटी सिकरवार और उसकी दस साल की बेटी अंशिका धरने पर बैठी हुई थी। महिला आयोग अध्यक्ष ने बंटी सिकरवार, उसकी बेटी और गांव की महिलाओं तथा मौजूद ग्रामीणों से संवाद किया और उनकी शिकायतों को गंभीरता से सुना। बंटी सिकरवार व मौजूद महिलाओं ने बताया कि गांव के अंदर शराब का ठेका होने के कारण पुरुष नशे की हालत में महिलाओं से अभद्रता, फब्तियां कसना व मारपीट जैसी घटनाएं करते हैं।

डॉ. बबीता चौहान ने महिलाओं को आश्वस्त किया कि उनकी बात शासन स्तर तक पहुंचाई जाएगी और शराब के ठेके को गांव से बाहर स्थानांतरित कराया जाएगा। उन्होंने मौके पर मौजूद एसडीएम फतेहाबाद अभय सिंह, एसीपी फतेहाबाद एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शराब ठेके का तत्काल प्रभाव से स्थान परिवर्तन किया जाए।

उन्होंने धरने में शामिल बंटी सिकरवार और उनकी दस वर्षीय बेटी अंशिका बच्ची को अपने हाथों से जूस पिलाया और उसका मेडिकल चेकअप कराने के आदेश भी दिए। डॉ. बबीता चौहान ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और ऐसे संवेदनशील मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डॉ. बबीता चौहान के निर्देश पर मौके पर मौजूद अधिकारियों ने ठोस आश्वासन दिया कि ठेका यहां से हटा दिया जाएगा। इसके बाद महिलाओं ने धरना समाप्त कर दिया।