Agra News: टीबी मरीजों ने पौधरोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

विविध

– यूपीएचसी हरीपर्वत वेस्ट (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) में टीबी मरीजों ने किया पौधरोपण

– पर्यावरण की रक्षा करने की अपील की

आगरा: पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए मंगलवार को यूपीएचसी हरीपर्वत वेस्ट (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) में टीबी मरीजों ने पौधरोपण करके संदेश दिया। टीबी मरीजों ने कहा अब हम अन्य लोगों को भी अपने आसपास पेड़ों की रक्षा करने और नए पौधे लगाकर उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित करेंगे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि पर्यावरण हम सभी के लिए हितैषी है और बीमारों को स्वस्थ करने के लिए दवा के रूप में कार्य करता है। टीबी मरीजों को भी स्वच्छ और हरे-भरे वातावरण की आवश्यकता होती है। टीबी मरीजों ने पौधरोपण करके एक नई पहल की शुरूआत की है, जो कि सराहनीय है। उन्होंने बताया कि जिनको भी टीबी के लक्षण हैं, वह अपनी टीबी की जांच कराएं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी की जांच व उपचार का पूर्णतया प्रावधान हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हम एक-एक टीबी के मरीज को खोजकर उसका उपचार नहीं करेंगे तब तक टीबी हम सभी के बीच में छिपकर बैठा रहेगा। हम सबको मिलकर देश को टीबी मुक्त करना है।

यूपीएचसी हरीपर्वत वेस्ट की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीनम चतुर्वेदी ने बताया कि पौधरोपण कार्यक्रम में हमने अपने टीबी मरीजों को विशिष्ट अतिथि बनाया और उनसे पौधरोपण कराया। इससे आम जनमानस में दो संदेश पहुंचेंगे। पहला टीबी मरीज भी हम सभी की तरह आम लोग हैं, वह बस कुछ समय के लिए उपचार करा रहे हैं और उसके बाद वह भी स्वस्थ हो जाएंगे। दूसरा हमें पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में अभी भी टीबी मरीजों से भेदभाव के मामले सामने आते हैं जो कि पूर्णतया गलत है। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों से भेदभाव न करें और पर्यावरण की रक्षा करें।

पौथरोपण करने के बाद में 20 वर्षीय टीबी मरीज ज्योत्सना (बदला हुआ नाम) ने बताया कि मुझे टीबी के लक्षण होने पर जांच कराई गई, इसके बाद में मेरा उपचार चल रहा है। अब में पहले से बेहतर महसूस कर रही हूं। आज पौधरोपण करने के बाद में मुझे काफी अच्छा लगा। अब मैं अपने सभी दोस्तों और परिवार के सदस्यों से पर्यावरण संरक्षण करने के लिए कहूंगी।

45 वर्षीय टीबी मरीज अंजू (बदला हुआ नाम) ने बताया कि पहले टीबी के नाम से डर लगता था, मुझे जांच कराने में भी डर लग रहा था लेकिन अब मैं टीबी का उपचार सफलतापूर्वक करा रही हूं। मुझे कोई तकलीफ नहीं हो रही है। वातावरण में प्रदूषण होने पर मुझे दिक्कत होती है। इसलिए हम सभी को पर्यावरण संरक्षण करना चाहिए और अपने आसपास लगे पेड़ों को काटने से बचाना चाहिए।

इस मौके पर फार्मासिस्ट प्रेम सिंह, स्टाफ नर्स संध्या, एएनएम अर्चना आशा कार्यकर्ता भारती और डॉली सहित टीबी मरीजों मौजूद रहे ।


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