जरा बच के.. सड़को पर घूम रहे आवारा यमदूत..
हर गली रास्ते मे हाइवे में खुलेआम ऐसे जानवरों को छोडने का अंजाम,इसका जिम्मेदार कौन? आखिर क्या गुनाह था अपने खेत की रखवाली करने वाले किसान का
बता दूँ कि सरकार ने हर गांव शहर मे आवारा गोवंश के रहने के लिए आश्रय स्थल भी बना रखे हैं… वोह भी एक अच्छे बजट के साथ…
आगरा: जगनेर क्षेत्र के गांव नगला हंसराज में एक 65 वर्षीय किसान को आवारा सांड ने पटक-पटक कर मार डाला। किसान की मौत पर घर में कोहराम मचा हुआ है। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। घटना सोमवार शाम करीब 4 बजे की है। खेत में लहलहाती फसल की रखवाली कर रहे किसान चरण सिंह पर आवारा सांड ने हमला बोल दिया। हालांकि किसान ने सांड को भगाने का प्रयास किया, लेकिन सांड ने अपने सींग किसान के पेट में घुसेड़ दिए। खून से लथपथ किसान चरण सिंह जमीन पर गिर पड़ा। उसकी चीखें सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे लोग पहुंच गए। चरण सिंह के परिजनों को सूचना दी गई। चरण सिंह को लोग अस्पताल लेकर पहुंचे थे। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मंत्री धर्मपाल सिंह के का बेतुका बयान
उत्तर प्रदेश सरकार के दुग्ध एवं पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने आवारा सांडों को लेकर बेतुका बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सांड की उम्र 15 से 20 साल होती है। जबकि हमारी सरकार को अभी 7 साल ही हुए हैं। इसलिए हम तो पूर्व की सरकारों के पाप धो रहे हैं। आज जो स्थिति है वह पूर्व सरकारों की देन है। मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि गाय हमारी प्राथमिकताएं हैं।
उनको संरक्षण और सुरक्षा देने का काम हमारी सरकार कर रही है। गोवंश सड़कों पर हैं। वह हमारी प्राथमिकता में शामिल हैं। धर्मपाल सिंह ने कहा कि देशी गाय की नस्ल सुधार का कार्य सरकार कर रही है। जो देशी गाय अभी 2 से 3 लीटर दूध देती हैं। वह 10 से 12 लीटर दूध देंगी।
सड़को पर घूम रहे आवारा यमदूत
छुट्टा जानवरों के हमले शहर में तेजी से बढ़ रहे हैं। आवारा पशुओं की को पकड़ने के दावे करने वाले नगर निगम के अधिकारी इन पर अंकुश लगाने में नाकाम है। अछनेरा के गांव लोहकरेरा गांव में आवारा सांड के हमले से उसकी पैर की हड्डियां टूट गई। कमला नगर में 16 अगस्त को साइकिल से दूध लेकर लौट रहे युवक पर सांड ने हमला कर दिया था। वह पिछले 6 दिन से जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। इसके अलावा सांडों के हमलों से कई लोगों की हड्डियां टूट चुकी हैं, लेकिन अफसर कागजी घोड़े दौड़ते रहते हैं। आवारा जानवरों के संबंध में रोजाना 15 से 17 शिकायतें नगर निगम कार्यालय आती हैं।
शहर में चल रहे हैं अवैध तबेले
आगरा टीटीजेड में आता है। शहरी क्षेत्रों में तबेले पर प्रतिबंध है। शहर में पालतू पशुओं को खुले में छोड़ने पर भी जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन इसके बावजूद भी अवैध तबेले धडल्ले से चल रहे हैं। नगर निगम भैंसों को घूमते पकड़े जाने पर प्रति भैंस 10 हजार का जुर्माना और 100 रुपए खुराक का प्रतिदिन का पैसा लिया जाता है। नगर निगम ने ऐसे तबेले संचालकों को नोटिस भी जारी किए हैं, लेकिन इन्हें बंद नहीं किया जा रहा है। अब तक 15 लोगों पर अवैध तबेले चलाने पर मुकदमा दर्ज हो चुका है।
Compiled: up18 News
साभार सहित
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