आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने एक अत्यंत जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए 25 वर्षीय महिला के गर्भाशय से 20×18 सेंटीमीटर आकार की विशाल रसौली (फाइब्रॉइड) को बिना गर्भाशय हटाए निकालने में सफलता पाई है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह उपलब्धि न केवल तकनीकी दक्षता का प्रमाण है, बल्कि उन युवा महिलाओं के लिए बड़ी राहत है जो भविष्य में मातृत्व का सपना देखती हैं।
फ़िरोज़ाबाद की रहने वाली मरीज पिछले कई महीनों से पेट दर्द, भारीपन, अनियमित मासिक धर्म और गर्भधारण में कठिनाई जैसी समस्याओं से परेशान थीं। विभिन्न अस्पतालों में परामर्श के दौरान उन्हें कई बार गर्भाशय हटाने (हिस्टेरेक्टॉमी) की सलाह दी गई, जिससे वे मानसिक रूप से बेहद परेशान थीं।
एसएन मेडिकल कॉलेज ने दी नई उम्मीद
मरीज के एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर स्त्री रोग विशेषज्ञों की टीम ने विस्तृत जांच की। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बड़ी रसौली को हटाते समय भी गर्भाशय सुरक्षित रखा जा सकता है। टीम के इस निर्णय ने मरीज की चिंताएं काफी हद तक कम कर दीं।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने संभाली जिम्मेदारी
सर्जरी स्त्री रोग विभाग की विशेषज्ञ टीम—प्रो. निधि गुप्ता, प्रो. आशा, डॉ. नीलम और डॉ. अक्रिष्टि द्वारा की गई। सर्जरी के दौरान एनेस्थीसिया विभाग ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉक्टरों ने बताया कि इतने बड़े आकार की रसौली मरीज के स्वास्थ्य और भविष्य में गर्भधारण पर गंभीर प्रभाव डाल सकती थी।
सफल सर्जरी के बाद बढ़ी उम्मीद
कई घंटों की मेहनत के बाद ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हुआ। मरीज अब स्वस्थ है और डॉक्टरों का कहना है कि अब उसके गर्भधारण की संभावना पहले की तुलना में काफी बेहतर हो गई है। मरीज ने कहा कि डॉक्टरों ने उसका सबसे बड़ा डर दूर कर दिया और अब वह स्वयं को पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रही है।
युवा महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण संदेश
विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर जांच और उचित उपचार से बड़ी रसौली भी बिना गर्भाशय हटाए निकाली जा सकती है। यह उपचार विशेष रूप से युवतियों और परिवार नियोजन की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए लाभदायक है।
जटिल सर्जरी में एसएन की लगातार उपलब्धियां
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं डीन डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि संस्थान में लगातार जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए जा रहे हैं, जिससे आगरा सहित आसपास के ज़िलों के मरीजों को उन्नत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद मिल रही है।

