आगरा: शहर की सामाजिक एवं साहित्यिक संस्था ‘संकेत’ की संगोष्ठी में मथुरा-वृंदावन की तरह आगरा को भी बृजभाषी क्षेत्र बनाने पर जोर दिया गया। इस अवसर पर सभी पदाधिकारियों व कवियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कुंवर कॉलोनी, खंदारी में सीए संजीव माहेश्वरी के आवास पर हुई ब्रजभाषा संगोष्ठी में परिचर्चा का विषय “वर्तमान सन्दर्भ में ब्रजभाषा की प्रासंगिकता” था। इस दौरान ब्रजभाषा कवि सम्मेलन भी हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. बीआर आम्बेडकर विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान के निदेशक और प्रो. लवकुश मिश्रा रहे।
मुख्य अतिथि डॉ. लवकुश मिश्रा ने आगरा के पर्यटन विकास में ब्रजभाषा की महत्ता पर ज़ोर दिया। वरिष्ठ पत्रकार आदर्श नंदन गुप्ता ने शहर में ब्रजभाषा के कार्यक्रमों को आयोजित किये जाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। डॊ. ब्रज बिहारी ‘बिरजू’ एवं डॉ. सुषमा सिंह ने ब्रजभाषा के इतिहास एवं ब्रजभाषा के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. राजेंद्र ‘मिलन’ ने आगरा को मथुरा-वृन्दावन की तरह ब्रजभाषी क्षेत्र बनाने पर ज़ोर दिया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में शहर के कवि सुशील ‘सरित’, रमा वर्मा, डा० शेषपाल सिंह ‘शेष’, निशिराज, राज फौजदार, रवीन्द्र वर्मा, डॉ. शुभदा पाण्डेय, योगेश शर्मा ‘योगी’, प्रभुदत्त उपाध्याय, हरीश भदौरिया, उमाशंकर आचार्य, रेणु उपाध्याय, राम अवतार शर्मा, डॉ. महेश धाकड़ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राकेश ‘निर्मल’ ने किया। विदुर अग्निहोत्री, हार्दिक राजवंश, तनीषा शर्मा का विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राज बहादुर सिंह ‘राज’ भी मौजूद रहे। स्वागताध्यक्ष रामेन्द्र शर्मा ‘रवि’ और संयोजक ‘संकेत’ संस्था के सचिव और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजीव शर्मा ‘निस्पृह’ थे।