आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा के नेतृत्व में हींग की मंडी से कलेक्ट्रेट तक निकाला शांति मार्च, सैकड़ों व्यापारियों ने लिया भाग, अध्यक्ष विजय सामा ने डीएम को सौंपा मांग पत्र
आगरा। सरकार गरीब के पैर से जूता और गरीब कारीगर से रोजगार छीनना चाहती है। हम सराकर का विरोध नहीं उनकी नीतियों का विरोध कर रहे हैं। जूते पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करना और क्यूसीओ (क्वालिटी कंट्रोल आर्डर) कानून यही कर रहे हैं। जिसका आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन विरोध करता है। फैडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने हींग की मंडी में आयोजित जूता कारोबारियों की सभा में अपना वक्तव्य रखते हुए कहा कि आगरा के साथ अन्याय हो रहा है। सरकार को आश्वासन नहीं वचन देते हैं कि जूते पर 5 प्रतिशत जीएसटी करने पर टैक्स बढ़ाकर देंगे जूता व्यापारी। परन्तु सरकार कोई रास्ता नहीं निकालना चाहती।
फैडरेशन द्वारा हींग की मंडी में आयोजित सभा के उपरान्त जूते पर 12 प्रतिशत जीएसटी और बीआईएस कानून के विरोध में कलेक्ट्रेट तक अध्यक्ष विजय सामा के नेतृत्व में शांति मार्च निकाला गया। जिसमें जूता उद्यमियों व कारीगरों सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। अध्यक्ष विजय सामा ने कहा कि 15 प्रतिशत जीएसटी और बीआईएस गरीब जूता कारीगरों के व्यापार में स्पीड ब्रेकर हैं। मध्यम वर्ग के पेट पर लात है यह का कनून। हम इस लड़ाई को अपनी मांगे पूरे होने तक त्यागेंगे नहीं। बड़ी कम्पनियां ऐसे हालात पैदा कर देंगी कि छोटा व्यापारी व्यापार ही नहीं कर पाएगा। जूते के क्षेत्र में कुटिर उद्योग समाप्त हो जाएगा। इसलिए फैडरेशन 1000 तक के जूते पर 12 प्रतिशत के स्थान पर 5 प्रतिशत जीएसटी मांग करता है।
शांति मार्च में सौकड़ों व्यापारी हाथ में स्लोगन की तख्तियां लेकर मांगे पूरा करने के नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। कलेक्ट्रेट पर अध्यक्ष विजय सामा ने एडीएम को प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, वाणिज्य मंत्री, मुख्य मंत्री उप्र, वित्त मंत्री उप्र, के नाम अपना मांग पत्र सौंपा।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सलिउद्दीन, रजीउद्दीन, हितेश, चांद दीवान, सोमनाथ पाहूजा, प्रदीप मेहरा, प्रदीप सरीन, नरेन्द्र पुरसनानी, बाबू पुरसनानी, घमश्याम होरा, तेजचंद छिबरानी, मोहित लालवानी, इंदु लालवानी, निशु चंदानी, प्रदीप कुमार पिप्पल, दिनेश कुमार, संजय अरोड़ा, विवेक महाजन, विजय सहगल, पंकज जसगोमा, संजय जटाना, काली गोल्डन, कपिल बलूचा, राजेश लालवानी, कमलेश, सनी मूलचंदानी, राजन बुद्धिराजा, शरद लूथरा, श्याम भोजवानी, सोनू सचदेवा, अर्जुनदास पेरवानी, अतुल कालरा, दीपक जमनानी, धीरज बुलचंदानी, दिलीप चंदवानी, गजेन्द्र पिप्पल, बरहान सिद्धकी, जितेन्द्र मिड्डा आदि उपस्थित थे।
इन्होंने लिया शांति मार्च में भाग
हींग की मंडी रॉक्सी सिनेमा से कलेक्ट्रेट तक आयोजित आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन के शांति मार्च में आगरा शू सेन्टर, भीम युवा व्यापार मण्डल, आगरा शू चैम्बर, ज्ञानी शू कॉम्पलेक्स, न्यू शू मार्केट, एसएन प्लाजा, एसआर शू कॉम्पलेक्स, शीला शू सप्लायर एसोसिएशन, श्रीराम प्लाजा, संजय प्लेस शू मार्टेत एसोसिएशन, गुप्ता शू कॉम्पलेक्श सेसोसिएसन, शिवाजी मार्केट, मंटोला बाजार कमेटी, जाटव महापंचायत, भीम संघ, बाबा साहब पंचायत, भीम संघ बारहखम्भा, छोटा तोपखाना नालबंद बाजार कमेटी, नाई की मंडी बाजार कमेटी के पदाधिकारियों व सदस्यों ने भाग लिया व फैडरेशन को अपना समर्थन दिया। शांति मार्च के दौरान जगह-जगह लोगों को पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।
आगरा में लगातार गिर घट रहा जूता कारोबार का प्रतिशत
आगरा। फैडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने कहा कि आगरा प्रमुख तौर पर जूता उद्योग पर पूरी तरह निर्भर है। यहां लगभग 1द लाख की आवादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जूता कारोबार से जुड़ी है और अपना पेट पाल रही है। जिसमें ज्यादातर अनुसूचित जाति एवं पिछड़े गरीब वर्ग के लोग हैं। साथ साथ एमएसएमई के तहत माइक्रो इंटरप्राइजेज, जिसकी सीमा अधिकतम 5 करोड़ टर्नओवर है, जबसे जीएसटी की नई दरें 12% लागू हुई है तब से ही यहाँ निरंतर कारोबार घट रहा है और लाखों लोगों की जीविका पर इसका सीधा असर पड़ रहा है।
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