कहीं भी सजा लेते हैं महफिल निर्लज्ज मदिरावीर
आगरा। शहर में आबादी के बीच और मुख्य मार्गों व बाजारों के आसपास का नजारा शाम ढलते ही इतना अराजक हो जाता है कि महिलाएं यहां से गुजरने से पहले हजार बार सोचने को मजबूर हो जाती हैं। लोगों की शिकायतों के बाद सम्बंधित विभाग कोई ध्यान नहीं देते। लोगों की शिकायतों पर की गई जांच-पड़ताल में यहां के नजारे सचमुच कानून-व्यवस्था को मुंह चिढ़ाने वाले दिखे। ठेकों के आसपास का हिस्सा जैसे शराधियों के नाम कर दिया गया हो। ठेकों के आसपास एक दो नहीं बल्कि अनगिनत शराबी नजर आ जाएंगे। किसी के हाथ में पौआ तो किसी के हाथ में बोतल तो किसी के हाथ में डिस्पोजल गिलास रहते हैं। हर दो चार कदम पर रिन्दों की महफिलें नजर आ रही थीं।
मदिरावीरों की निर्लज्ज हरकतों की बजह से लोग काफी परेशान हो चुके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि मदिरावीरों के द्वारा नशे में उत्पन्न की गई अराजक स्थितियां सुबह से ही परेशानी का सबब बनने लगती हैं। जो लोग जानते हैं वह आसपास से गुजरने से कतराते हैं। महिलाएं और बच्चे शाम को घरों से निकालने से कतराते है। अगर कोई जरूरी काम होता है तो शाम होने से पहले ही निपटा लिए जाते हैं।
मदिरावीरों की निर्लज्जता इतनी कि महिलाएं सिर झुकाने के लिए मजबूर हो जाती है। अश्लीलता इतनी कि बहन बेटियों के सिर शर्म से जमीन में गढ़ने लगते हैं। उदंडता इतनी कि कानून-व्यवस्था के पिलर डगमगाने लगते हैं। हम बात कर रहे हैं शहर की आबादियों और बाजारों के बीच खुले ठेकों के आसपास शाम ढलते ही बनने वाले गंदे और अराजक माहौल की जिसने कामकाजी महिलाओं से लेकर छात्राओं तक को परेशान कर रखा है।
छत्ता क्षेत्र में पुलिस चौकी के समीप रहता शराबियों का जमावड़ा
थाना छत्ता क्षेत्र के बेलन गंज चौकी से चंद कदमों की दूरी पर हर रोज शाम को शराबियों की महफिल सजती है। खुलेआम सड़क पर जाम छलकते हैं। लड़खड़ाते और झूमते कदमों के साथ देर रात तक शराब पी जाती है, लेकिन मजाल है कि पुलिस उन्हें टोक दे। शराबियों के हुड़दंग के चलते यहां महिलाएं निकलने से हिचकती है। सूत्रों के अनुसार शराब के ठेके से हर माह मिलने वाली विटामिन एम की गोली के नशे में इलाका पुलिस भी खामोशी की चादर ओड़े रहती है।
रात को शटर डाउन, लेकिन बिक्री चालू
नियमानुसार शहर में शराब की दुकानें रात 10 बजे बन्द हो जाती है। कोई चेकिंग नहीं करता है इसलिए कुछ दुकानें इसके बाद भी खुली रहती है । इन दुकानों के शटर गिरने के बाद भी बिक्री चालू रहती है । कई शराब ठेकेदारों ने दुकान के पीछे एक छोटी सी खिड़की बना रखी है यंहा से देर रात भी आपको शराब मिल जाएगी।
शटर बजाओ शराब पाओ
थाना मंटोला छेत्र में दरेशी पर स्थित शराब की दुकान पर देर रात अगर शराब चाहिये तो आपको दुकान का शटर बजाना पड़ेगा और शटर के नीचे से आपकी मनपसंद मदिरा मिल जाएगी हा उसका सुविधा शुल्क जरूर लिया जाएगा।
इसी तरह दरेशी पर पेट्रोल पंप के सामने की मॉडल शॉप के तो क्या ही कहने उसने भी दुकान के पीछे खिड़की व्यवस्था कर रखी है मदिरा वीर देर रात तक उसकी खिड़की सुविधा का लाभ उठाते मिल जाएंगे ।
ठेके पर पर्दा डाल कर पिला रहे वीयर
पश्चिमपुरी में एक माननीय के साझे में बीयर के ठेके पर पर्दा डालकर खुलेआम वीयर पिलबाई जा रही है। पश्चिमपुरी पुलिस चौकी से चंद कदमों की दूरी पर कूलर की ठंडी हवाओं के बीच ठेके को बार बना दिया गया है। चूंकि ठेके पर एक माननीय का साझा है तो फिर पुलिस की क्या मजाल जो वहां झांक सके।
घास की मंडी में होता है हुड़दंग
थाना हरिपर्वत क्षेत्र के घास की मंडी पेट्रोल पंप के सामने शाम होते ही शराबियों का मेला लगना शुरू हो जाता है जो ठेका बंद होने के बाद तक लगा रहता है शराब के नशे में धुत लोग यंहा पर हुड़दंग करते रहते हैं।
इलाका पुलिस की इस ओर से खामोशी स्थानीय लोगों को खल रही है। जबकि पुलिस आयुक्त के आदेश है कि सड़क को बार न बनने दिया जाए, लेकिन हरीपर्वत पुलिस के लिए पुलिस आयुक्त के आदेश कोई मायने नहीं रखते है।
ये छोटी खिड़की जो हमेशा खुली रहती है
शहर में रात दस बजे के बाद आपको दवा और दूध भले ही न मिले, लेकिन शराब पूरी रात मिल जाएगी। शराब को दुकानों को बंद करने का समय रात दस बजे तय है, लेकिन रात भर शराब शटर डाउन कर खुलेआम बेची जाती है। दुकान बंद भी हो जाए तो ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके लिए बस थोड़ा ज्यादा पैसा देना होगा। आड़ मोड़ से शराब मिल ही जाएगी। शराब दुकान के संचालक नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार आबकारी विभाग गहरी नींद में सो रहा है। इसलिए थाने चौकियों के पास भी पूरी रात शराब की बिक्री धड़ल्ले से की जाती है।
आबकारी विभाग में शिकायत सुनने वाला कोई नहीं है। रात को टीम निकलती है, लेकिन चेकिंग के लिए नहीं बल्कि उगाही के लिए। यही बात है कि शराब ठेकेदार बेफ़िक्र होकर शराब बेचते हैं।
आबकारी टीम नया साल, होली, दीपावली के समय ही दुकानों और बार की चेकिंग करने निकलती है। इसके अलावा कभी चेकिंग नहीं करती है। दुकानों के अलावा हाई-वे के ढाबों और रेस्टोरेंट पर खुलेआम शराब पिलाई जा ही है और जिम्मेदार गहरी नींद में सो रहे है ।
साभार-nni