आगरा: दीवानी न्यायालय के गेट नंबर तीन पर शुक्रवार को नगर निगम की टीम और अधिवक्ताओं के बीच विवाद हो गया। अधिवक्ताओं का आरोप है कि निगम के कर्मचारियों ने अकारण वकीलों से मारपीट, धक्का मुक्की और अभद्रता की। अधिवक्ताओं ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, पुलिस आयुक्त और थाना न्यू आगरा को की है।
घटना के संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता और एक समाचार पत्र के विधि संवाददाता रमाशंकर शर्मा ने बताया कि वह एक मुकदमे से संबंधित कागजात की फोटोस्टेट कराने के लिए गेट नंबर तीन के सामने की दुकान पर गए थे। तभी वहां एक व्यक्ति जो स्वयं को नगर निगम का अधिकारी बता रहा था, उसके साथ 15-20 लोग आए और राहगीरों के वाहनों को जमीन पर गिराकर लाठी-डंडों से तोड़फोड़ करने लगे।
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने जब उन लोगों से पूछा कि आप लोग कौन हैं और ऐसा क्यों कर रहे हैं, तो उस व्यक्ति ने अभद्रता करते हुए उन्हें धक्का देकर गिरा दिया और उनके हाथ में लगी फाइल फाड़ दी।
इस बीच मौके पर मौजूद अन्य अधिवक्ता राकेश नौहबार, बीएस फौजदार, रामदत्त दिवाकर, सत्य प्रकाश सक्सेना, राजेंद्र गुप्ता, धीरज आदि ने रमाशंकर शर्मा को बचाने का प्रयास किया, लेकिन उस व्यक्ति के साथ आए लोगों ने अन्य अधिवक्ताओं के साथ भी बदसलूकी, गाली-गलौज और मारपीट की।
घटना की सूचना मिलते ही ग्रेटर बार के अध्यक्ष दुर्ग विजय सिंह भैया, जनमंच संयोजक चौधरी अजय सिंह, डॉक्टर अंबेडकर बार के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार कर्दम, अधिवक्ता सहयोग समिति के अध्यक्ष उमेश कुमार वर्मा, महासचिव कृपाल सिंह वर्मा, एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोचन चौधरी सहित तमाम अधिवक्ता मौके पर पहुंचे।
अधिवक्ताओं ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए नगर निगम अधिकारी और अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।
अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो अधिवक्ता सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
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